नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों का दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने भी समर्थन किया है. रविवार को यूनियन अध्यक्ष शिवानी जंतर-मंतर पहुंच कर धरने पर बैठें पहलवानों से मुलाकात कर समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि कुश्ती पहलवानों की सभी जायज मांगों का हम पुरजोर समर्थन करते हैं तथा मोदी सरकार के बेशर्म रवैये की हम भर्त्सना करते हैं.
शिवानी ने कहा कि आज मोदी अपनी मन की बात का उत्सव मना रहे हैं, लेकिन अपनी पार्टी के सांसद पर यौन अपराध जैसे मसले पर कानों में रुई-तेल डालकर सो रहे हैं. यही प्रधानमंत्री मोदी पहलवानों द्वारा मेडल लाने पर इनके साथ फोटो खिंचाने की लाइन में सबसे आगे रहते हैं. हम पहलवानों के समर्थन में मुश्तैदी के साथ खड़े हैं. संघर्ष की जीत तक हम अपने पहलवान भाइयों-बहनों और साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहेंगे.
उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह एक कुख्यात बाहुबली है, जिसपर लगभग 40 मुकदमे दर्ज है. लोगों को डरा-धमकाकर वोट हासिल करने में गुंडई भी एक कारगर हथियार है. अपने वोट बैंक को बचाये रखने के मकसद से भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को बचा रही है. इस पूरे प्रकरण से स्त्री विरोधी अपराधियों को प्रश्रय देने वाली भाजपा का चाल-चरित्र-चेहरा एक बार फिर से जनता के सामने बेनकाब हो गया है.
शिवानी ने कहा कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के स्त्री-विरोधी और भ्रष्टाचारी रवैये के खिलाफ आवाज उठाते हुए बजरंग पुनिया व अन्य खिलाड़ियों ने इसी साल जनवरी में प्रदर्शन कर बृजभूषण सिंह का इस्तीफा, फेडरेशन में तत्काल बदलाव और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की मांग उठायी थी. तब प्रदर्शन के दबाव में आकर बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ से निलंबित किया गया था, लेकिन आज भी कुश्ती महासंघ में इसकी दखल जारी है.
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उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए 23 जनवरी को पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया और एक महीने के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी, मगर, आज तीन महीने बाद भी रिपोर्ट सार्वजानिक नहीं हुई है. सभी आरोपी आजाद घूम रहें हैं. बृजभूषण पर खिलाड़ियों के साथ गाली-गलौच करने, मारपीट करने, क्षेत्रवाद बरतने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे हैं. इन पर साम्प्रदायिकता, आगजनी, हिंसा और दंगे जैसे अपराधों में संलिप्तता के आरोप लगते रहे हैं और मुकदमे चल रहे हैं.