नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने वैशाली रिट्रीविंग शाफ्ट, गाजियाबाद में सुदर्शन 4.4 के टीबीएम ब्रेकथ्रू के साथ ही एक प्रमुख मील का पत्थर हासिल किया. आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच इस दो किमी लंबी सुरंग के पूरा होने के साथ ही अब दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की टनलिंग (सुरंग बनाने) का काम पूरा हो गया है.
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एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने एनसीआरटीसी के निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रिमोट बटन दबाकर टनल ब्रेकथ्रू की शुरुआत की. सफल ब्रेकथ्रू के साथ ही टनल बोरिंग मशीन टनल का निर्माण कार्य बाहर निकल आई. सुदर्शन 4.4 को आनंद विहार में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट पर टनल बनाने के लिए उतारा गया था, जो अब वैशाली रेट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकल रहा है.
दिल्ली में आनंद विहार भूमिगत रैपिडएक्स स्टेशन से दोनों ओर ट्रेनों के आने-जाने के लिए कुल 4 सुरंगों का निर्माण किया गया है. लगभग तीन किलोमीटर लंबी दो समानांतर सुरंगें आनंद विहार स्टेशन को न्यू अशोक नगर स्टेशन से जोड़ने के लिए हैं जबकि लगभग दो किलोमीटर लंबी समानांतर सुरंगें आनंद विहार स्टेशन को साहिबाबाद स्टेशन से जोड़ने के लिए बनाई गई हैं.
एनसीआरटीसी ने फरवरी 2022 में टनल बनाने के कार्य की शुरुआत की थी. आरआरटीएस कॉरिडॉर की पूरी टनल बनाने के कार्य को 18 महीने से भी कम समय में पूरा किया गया है. आरआरटीएस कॉरिडॉर के भूमिगत भाग के लिए एनसीआरटीसी 2025 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को परिचालित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी लंबा प्राथमिकता खंड बनकर तैयार है और जल्द ही इस सेक्शन में रैपिडएक्स सेवाओं का परिचालन आरंभ किया जाएगा.
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