ग्रेटर नोएडा: सूरजपुर थाना क्षेत्र के खेड़ी गांव के एक तालाब में गुरुवार शाम डूबने से एक नाबालिग की मौत हो गई थी. काफी प्रयास के बाद आज सुबह शव को बाहर निकाला गया. ग्रामीणों ने इस हदसे के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराया है. ग्रामीण शव को रखकर पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्राधिकरण का सक्षम अधिकारी आकर आर्थिक मदद नहीं करते, तब तक वह शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं जाने देंगे. मौके पर सूरजपुर थाने की पुलिस मौजूद है.
कैसे हुई घटना: मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम खेड़ी गांव के तालाब के पास कबड्डी खेलने के लिए पहुंचे थे. तालाब की प्राधिकरण द्वारा सौन्दर्यीकरण व साफ-सफाई कराई गई थी. तालाब से निकलने वाली मिट्टी के कारण उसके आसपास की जमीन चिकनी और फिसलन भरी हो गई थी. प्रशांत और शिवम तालाब पर पहुंचे थे, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और तालाब में डूबने लगे. शिवम ने किसी तरह खुद को संभाला लेकिन प्रशांत तालाब की ओर तेजी से फिसलता चला गया. शिवम ने मदद के लिए शोर मचाया. प्रशांत को बचाने का काफी कोशिश की लेकिन बचाया नहीं जा सका. गांव के लोगों ने काफी तलाश करने का प्रयास किया और जब वह नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और युवक की तलाश में जुट गई. काफी प्रयास के बाद शुक्रवार की सुबह युवक का शव तालाब से निकाला गया. इस हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया. वहीं पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
मृतक के घर पर पसरा मातम: मृतक प्रशांत बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा था. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था. मृतक के पिता के दो बेटे और तीन बेटियां हैं. प्रशांत उनका छोटा बेटा था. हादसे के बाद पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. ग्रामीणों की मांग है कि प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी मौके पर आए और परिवार को आर्थिक मदद दी जाए.
गांव के लोगों का बयान: ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्थित तालाब का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा सौंदर्यकरण कराया गया था. इस दौरान तालाब के आसपास काफी कीचड़ और गंदगी फैल गई थी. प्राधिकरण द्वारा साफ सफाई के बाद तालाब की गहराई काफी बढ़ गई है और तालाब के आसपास की जमीन फिसलन भरी हो गई है. तालाब के किनारे फेंसिंग नहीं होने से खतरा बढ़ गया है. बता दें कि ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों ने हादसे की आशंका के चलते प्राधिकरण से लगातार तालाब के चारों ओर तारों के फेंसिंग करने की मांग की थी. लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते आज यह घटना हुई है.