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नोएडा साइबर थाना क्षेत्र में 11 महीने में हुए 7 करोड़ 41 लाख रुपये से अधिक के फ्रॉड

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Published : Dec 17, 2022, 7:55 PM IST

नोएडा साइबर थाना (Noida Cyber police station) इलाके में गत 11 माह में 7 करोड़ 41 लाख (Rs 7 crore 41 lakh) रुपये से अधिक के साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए है. यहां ये भी उल्लेखनीय है कि यहां 5 लाख रुपये से अधिक राशि के ही मामले दर्ज किए जाते हैं. कुल 47 मामले दर्ज हुए हैं और अब तक 74 लाख 36 हजार 306 रुपये की बरामदगी हुई है.

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11 महीने में दर्ज हुए 7.41 करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड के मामले

नई दिल्ली/नोएडा : साइबर क्राइम तेजी से अपना पैर फैलाते जा रहा है. बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जोन स्तर पर सायबर थाने खोले हैं, जिसके तहत नोएडा में भी साइबर थाना खोला गया. इस थाने में 6 जिलों के मामलों की जांच की जाती है. यहां वे साइबर क्राइम के मामले दर्ज होते हैं जो 5 लाख रुपये से अधिक के होते हैं. जनवरी माह से लेकर 30 नवंबर तक यहां 47 मुकदमे दर्ज हुए है. जिनमें सबसे अधिक 1 करोड़ 85 लाख रुपये के साइबर अपराध का मामला शामिल है. 11 महीनों में 7 करोड़ 41 लाख 14 हजार 811 रुपये के फ्राड लोगों के साथ हुए हैं.

दर्ज हुए 47 मुकदमे, 18 का खुलासा : नोएडा के सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में 1 जनवरी से लेकर 30 नवंबर के बीच 47 साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए. पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से लेकर तमाम जगहों से आरोपियों को पकड़ते हुए 18 मामलों का खुलासा किया है. इनमें 16 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. साइबर थाना पुलिस ने नाइजीरियन नागरिकों के साथ ही जामताड़ा में बैठे साइबर क्राइम करने वालों को भी गिरफ्तार किया है.18 मामले में से पुलिस ने एक मामले में फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी है. पुलिस अब तक 74 लाख 36 हजार 306 रुपये की बरामदगी की है.

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एएसपी साइबर क्राइम का कहना है : नोएडा के साइबर क्राइम एसपी केके सरोज ने बताया कि साइबर क्राइम करने वाले प्रतिदिन एक नया तरीका अपनाते हैं और लालच में आने वाले लोग बड़ी आसानी से इनके शिकार बन जाते हैं. उन्होंने बताया कि हर किसी को मोबाइल पर आए हुए लिंक या ओटीपी को कभी भी किसी को बताना नहीं चाहिए. इसके साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर लंबे समय तक बात करना और अपनी पर्सनल जानकारी कभी शेयर नहीं करनी चाहिए.

जागरूकता ही बचाव है : साइबर अपराध से अगर बचना है तो जागरूकता और सजगता ही बचने का सबसे आसान तरीका है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम थाना पुलिस की ओर से लगातार यह प्रयास किया जाता है कि जिस किसी के साथ साइबर अपराध हुआ हो वह तत्काल पुलिस से संपर्क जरूर करे. समय रहते अगर पीड़ित की ओर से जानकारी दी गई तो आरोपी तक पहुंचने में काफी आसानी होती है और उसके साथ हुए फ्रॉड को भी रोकने में मदद मिलती है.

ये भी पढ़ें :- नोएडा में 11 महीने में काटे गए 5.25 लाख वाहनों के चालान, वसूले गए 3 करोड़

11 महीने में दर्ज हुए 7.41 करोड़ रुपये से अधिक के फ्रॉड के मामले

नई दिल्ली/नोएडा : साइबर क्राइम तेजी से अपना पैर फैलाते जा रहा है. बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जोन स्तर पर सायबर थाने खोले हैं, जिसके तहत नोएडा में भी साइबर थाना खोला गया. इस थाने में 6 जिलों के मामलों की जांच की जाती है. यहां वे साइबर क्राइम के मामले दर्ज होते हैं जो 5 लाख रुपये से अधिक के होते हैं. जनवरी माह से लेकर 30 नवंबर तक यहां 47 मुकदमे दर्ज हुए है. जिनमें सबसे अधिक 1 करोड़ 85 लाख रुपये के साइबर अपराध का मामला शामिल है. 11 महीनों में 7 करोड़ 41 लाख 14 हजार 811 रुपये के फ्राड लोगों के साथ हुए हैं.

दर्ज हुए 47 मुकदमे, 18 का खुलासा : नोएडा के सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में 1 जनवरी से लेकर 30 नवंबर के बीच 47 साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए. पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से लेकर तमाम जगहों से आरोपियों को पकड़ते हुए 18 मामलों का खुलासा किया है. इनमें 16 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. साइबर थाना पुलिस ने नाइजीरियन नागरिकों के साथ ही जामताड़ा में बैठे साइबर क्राइम करने वालों को भी गिरफ्तार किया है.18 मामले में से पुलिस ने एक मामले में फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी है. पुलिस अब तक 74 लाख 36 हजार 306 रुपये की बरामदगी की है.

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एएसपी साइबर क्राइम का कहना है : नोएडा के साइबर क्राइम एसपी केके सरोज ने बताया कि साइबर क्राइम करने वाले प्रतिदिन एक नया तरीका अपनाते हैं और लालच में आने वाले लोग बड़ी आसानी से इनके शिकार बन जाते हैं. उन्होंने बताया कि हर किसी को मोबाइल पर आए हुए लिंक या ओटीपी को कभी भी किसी को बताना नहीं चाहिए. इसके साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर लंबे समय तक बात करना और अपनी पर्सनल जानकारी कभी शेयर नहीं करनी चाहिए.

जागरूकता ही बचाव है : साइबर अपराध से अगर बचना है तो जागरूकता और सजगता ही बचने का सबसे आसान तरीका है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम थाना पुलिस की ओर से लगातार यह प्रयास किया जाता है कि जिस किसी के साथ साइबर अपराध हुआ हो वह तत्काल पुलिस से संपर्क जरूर करे. समय रहते अगर पीड़ित की ओर से जानकारी दी गई तो आरोपी तक पहुंचने में काफी आसानी होती है और उसके साथ हुए फ्रॉड को भी रोकने में मदद मिलती है.

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