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डीबीसी कर्मचारियों को स्थाई करने के बारे में सोचें केजरीवाल- संदीप कपूर - 'मुख्यमंत्री ने सिर्फ विज्ञापनबाजी है'

दिल्ली में डीबीसी कर्मचारियों को स्थाई करने का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. कुछ दिन पहले तीनों निगम के डीबीसी कर्मचारियों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था.

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Published : Sep 26, 2019, 9:52 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया है कि डीबीसी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थाई किया जाए.

स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के संदीप कपूर

'मुख्यमंत्री ने सिर्फ विज्ञापनबाजी है'

स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के संदीप कपूर ने बताया कि वर्ष 2018 में जहां डेंगू के 213 मामले सामने आए थे. वहीं इस वर्ष अभी तक मात्र 7 मामले सामने आए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल डेंगू के मामलों में 80 फ़ीसदी की कमी बता रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू के मामलों में 99 फ़ीसदी की कमी आई है.

मुख्यमंत्री को अपने तथ्यों को सही करने की जरूरत है क्योंकि मुख्यमंत्री ने इस पर कोई काम नहीं किया है. बस विज्ञापनबाजी की है. मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि मुख्यमंत्री जो सारे काम का श्रेय खुद ले रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने विज्ञापन पर लगभग 50 करोड रुपय खर्च कर चुके हैं. उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि हमारे पास 710 डीबीसी कर्मचारी और 420 फील्ड वर्कर है. साल की शुरुआत में हम उन्हें सभी कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराते हैं. ताकि उनका वेतन के भुगतान में कोई समस्या ना हो.

डीबीसी कर्मचारियों ने की स्थाई करने की मांग
कुछ साल पहले तक दिल्ली सरकार सभी कर्मचारियों की 12 महीने की तनख्वाह दी जाती थी. लेकिन इस सरकार के आने के बाद से इसमें कटौती की गई है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत डीबीसी कर्मचारियों की पूरे साल की तनखा लगभग 14 करोड़ होती है. लेकिन अफसोस की बात है कि दिल्ली सरकार इनके वेतन के लिए मात्र 3 करोड़ रुपय देती है. बाकी पैसों का इंतजाम पूर्वी दिल्ली नगर निगम खुद के फंड से करती है.

अगर मुख्यमंत्री इसका सारा श्रेय लेना चाहते हैं तो कम से कम डीबीसी कर्मचारियों के पूरे पैसे तो दे दे. मैं केजरीवाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि डीबीसी कर्मचारी जो पिछले 20 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें स्थाई किया जाए. दिल्ली सरकार का यह दायित्व है कि पिछले कई वर्षों से डेंगू के खात्मे में जुटे कर्मचारियों को एक बेहतर जिंदगी मिले इसके लिए उन्हें स्थाई करने की जरूरत है.

'पूरे साल चलती है बीमारी रोकथाम का काम'
स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का एक महत्वपूर्ण कार्य है डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम करना. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह काम एक-दो दिन का नहीं बल्कि यह काम पूरे साल चलता है. इसी के कारण आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया के मामले काफी कम हुए हैं. जनवरी से इस अभियान की शुरुआत हो जाती है और इस समय सभी कर्मचारी इसमें तत्परता से जुटे हैं. क्योंकि इस समय डेंगू और मलेरिया की सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं.

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया है कि डीबीसी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थाई किया जाए.

स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के संदीप कपूर

'मुख्यमंत्री ने सिर्फ विज्ञापनबाजी है'

स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के संदीप कपूर ने बताया कि वर्ष 2018 में जहां डेंगू के 213 मामले सामने आए थे. वहीं इस वर्ष अभी तक मात्र 7 मामले सामने आए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल डेंगू के मामलों में 80 फ़ीसदी की कमी बता रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू के मामलों में 99 फ़ीसदी की कमी आई है.

मुख्यमंत्री को अपने तथ्यों को सही करने की जरूरत है क्योंकि मुख्यमंत्री ने इस पर कोई काम नहीं किया है. बस विज्ञापनबाजी की है. मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि मुख्यमंत्री जो सारे काम का श्रेय खुद ले रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने विज्ञापन पर लगभग 50 करोड रुपय खर्च कर चुके हैं. उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि हमारे पास 710 डीबीसी कर्मचारी और 420 फील्ड वर्कर है. साल की शुरुआत में हम उन्हें सभी कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराते हैं. ताकि उनका वेतन के भुगतान में कोई समस्या ना हो.

डीबीसी कर्मचारियों ने की स्थाई करने की मांग
कुछ साल पहले तक दिल्ली सरकार सभी कर्मचारियों की 12 महीने की तनख्वाह दी जाती थी. लेकिन इस सरकार के आने के बाद से इसमें कटौती की गई है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत डीबीसी कर्मचारियों की पूरे साल की तनखा लगभग 14 करोड़ होती है. लेकिन अफसोस की बात है कि दिल्ली सरकार इनके वेतन के लिए मात्र 3 करोड़ रुपय देती है. बाकी पैसों का इंतजाम पूर्वी दिल्ली नगर निगम खुद के फंड से करती है.

अगर मुख्यमंत्री इसका सारा श्रेय लेना चाहते हैं तो कम से कम डीबीसी कर्मचारियों के पूरे पैसे तो दे दे. मैं केजरीवाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि डीबीसी कर्मचारी जो पिछले 20 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें स्थाई किया जाए. दिल्ली सरकार का यह दायित्व है कि पिछले कई वर्षों से डेंगू के खात्मे में जुटे कर्मचारियों को एक बेहतर जिंदगी मिले इसके लिए उन्हें स्थाई करने की जरूरत है.

'पूरे साल चलती है बीमारी रोकथाम का काम'
स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का एक महत्वपूर्ण कार्य है डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम करना. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह काम एक-दो दिन का नहीं बल्कि यह काम पूरे साल चलता है. इसी के कारण आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया के मामले काफी कम हुए हैं. जनवरी से इस अभियान की शुरुआत हो जाती है और इस समय सभी कर्मचारी इसमें तत्परता से जुटे हैं. क्योंकि इस समय डेंगू और मलेरिया की सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं.

Intro:पूर्वी दिल्ली : दिल्ली में डीबीसी कर्मचारियों को स्थाई करने का मुद्दा अब फिर से गरमाने लगा है. कुछ दिन पहले तीनों निगम के डीबीसी कर्मचारियों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. अब इसी कड़ी में पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया है कि डीबीसी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थाई किया जाए.


Body:स्टैंडिंग कमिटी चेयरमैन के अध्यक्ष संदीप कपूर ने बताया कि वर्ष 2018 में जहां डेंगू के 213 मामले सामने आए थे. वहीं इस वर्ष अभी तक मात्र 7 मामले सामने आए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल डेंगू के मामलों में 80 फ़ीसदी की कमी बता रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू के मामलों में 99 फ़ीसदी की कमी आई है. मुख्यमंत्री को अपने तथ्यों को सही करने की जरूरत है. क्योंकि मुख्यमंत्री ने इस पर कोई काम नहीं किया है. बस विज्ञापनबाजी की है. मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि मुख्यमंत्री जो सारे काम का श्रेय खुद ले रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने विज्ञापन पर लगभग 50 करोड रुपय खर्च कर चुके हैं. उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि हमारे पास 710 डीबीसी कर्मचारी और 420 फील्ड वर्कर है. साल की शुरुआत में हम उन्हें सभी कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराते हैं. ताकि उनका वेतन के भुगतान में कोई समस्या ना हो.


कुछ साल पहले तक दिल्ली सरकार द्वारा सभी कर्मचारियों की 12 महीने की तनख्वाह दी जाती थी. लेकिन इस सरकार के आने के बाद से इसे में कटौती की गई है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत डीबीसी कर्मचारियों की पूरे साल की तनखा लगभग 14 करोड़ होती है. लेकिन अफसोस की बात है कि दिल्ली सरकार इनके वेतन के लिए मात्र 3 करोड़ रुपय देती है. बाकी पैसों का इंतजाम पूर्वी दिल्ली नगर निगम खुद के फंड से करती है. अगर मुख्यमंत्री इसका सारा श्रेय लेना चाहते हैं तो कम से कम डीबीसी कर्मचारियों के पूरे पैसे तो दे दे. मैं केजरीवाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि डीबीसी कर्मचारी जो पिछले 20 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें स्थाई किया जाए. दिल्ली सरकार का यह दायित्व है कि पिछले कई वर्षों से डेंगू के खात्मे में जुटे कर्मचारियों को एक बेहतर जिंदगी मिले इसके लिए उन्हें स्थाई करने की जरूरत है.


Conclusion:स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का एक महत्वपूर्ण कार्य है डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम करना. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह काम एक-दो दिन का नहीं बल्कि यह काम पूरे साल चलता है. इसी के कारण आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया के मामले काफी कम हुए हैं. जनवरी से इस अभियान की शुरुआत हो जाती है और इस समय सभी कर्मचारी इसमें तत्परता से जुटे हैं. क्योंकि इस समय डेंगू और मलेरिया की सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं.
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