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Sawan Somvar 2023: दूधेश्वरनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक के लिए चार सोमवार की बुकिंग फुल, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

गाजियाबाद स्थित प्राचीन दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर सावन मास में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है. वहीं, लोगों के उत्साह का अंंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां रुद्राभिषेक के लिए चार सोमवारों की बुकिंग फुल हो चुकी है.

Dudheshwarnath temple ghaziabad
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Published : Jul 3, 2023, 6:33 AM IST

प्राचीन दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर के महंत नारायण गिरी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व बताया गया है. इसी क्रम में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर में अभिषेक के लिए एडवांस बुकिंग होनी शुरू हो चुकी है. मंदिर के महंत नारायण गिरी के मुताबिक, सावन के सोमवार को दो से तीन रुद्राअभिषेक मंदिर में कराए जाते हैं. शुरुआत के चारों सोमवार के लिए मंदिर में रुद्राभिषेक की बुकिंग फुल हो गई है और लगातार लोग आगे की बुकिंग कराने मंदिर में आ रहे हैं.

रुद्राभिषेक का महत्व: रुद्राभिषेक शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला रूद्र और दूसरा अभिषेक. रुद्र भगवान शिव का एक रूप है, जबकि अभिषेक का अर्थ है स्नान करना. रुद्राभिषेक का अर्थ हुआ भगवान शिव के रुद्र रूप का अभिषेक करना. रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे दोष, रोग, कष्ट और पाप से मुक्ति मिलती है.

जलाभिषेक की विशेष तैयारी: श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर में सावन मास में खासकर सावन के सोमवार को देशभर के श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं. इस बार भी यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे, जिसके चलते मंदिर में जलाभिषेक की विशेष तैयारियां की जा रही हैं. सावन सोमवार के लिए जलाभिषेक का सिलसिला रात्रि एक बजे से ही शुरू हो जाएगा.

इस वक्त बंद रहेंगे कपाट: सावन मास में प्रात: तीन बजे से प्रात: पांच बजे तक श्रृंगार आरती के लिए मंदिर के कपाट श्रृंगार के लिए बंद रहेंगे. इसके अलावा अपराह्न 11:30 बजे से 12 बजे तक भोग, सांयकाल 7 से 8 बजे तक आरती व रात्रि 8:30 बजे से रात्रि 9 बजे तक भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. वहीं प्रत्येक सोमवार को विशेष श्रृंगार व आरती के लिए मंदिर के कपाट सांयकाल 6:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक बंद रहेंगे. शिवरात्रि का जल 15 जुलाई को रात्रि 8.30 बजे से चढ़ना शुरू होगा.

15 जुलाई से चढ़ेगा जल: मंदिर में शनिवार 15 जुलाई को प्रात: 6 बजे से त्रयोदशी का जल चढना शुरू होगा. चर्तुदशी व शिवरात्रि का जल शनिवार 15 जुलाई को रात्रि 8:30 बजे से रविवार 16 जुलाई की रात्रि 10 बजे तक चढ़ाया जाएगा.

सावन के सोमवारों की सूची-

पहला सोमवार10 जुलाई
दूसरा सोमवार17 जुलाई
तीसरा सोमवार24 जुलाई
चौथा सोमवार31 जुलाई
पांचवां सोमवार 7 अगस्‍त
छठां सोमवार14 अगस्‍त
सातवां सोमवार21 अगस्‍त
आठवां सोमवार 28 अगस्‍त

यह भी पढ़ें-Kanwar Yatra 2023: दिल्ली एनसीआर में चार जुलाई से रूट डायवर्जन, यहां देखें ट्रैफिक प्लान

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प्राचीन दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर के महंत नारायण गिरी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व बताया गया है. इसी क्रम में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर में अभिषेक के लिए एडवांस बुकिंग होनी शुरू हो चुकी है. मंदिर के महंत नारायण गिरी के मुताबिक, सावन के सोमवार को दो से तीन रुद्राअभिषेक मंदिर में कराए जाते हैं. शुरुआत के चारों सोमवार के लिए मंदिर में रुद्राभिषेक की बुकिंग फुल हो गई है और लगातार लोग आगे की बुकिंग कराने मंदिर में आ रहे हैं.

रुद्राभिषेक का महत्व: रुद्राभिषेक शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला रूद्र और दूसरा अभिषेक. रुद्र भगवान शिव का एक रूप है, जबकि अभिषेक का अर्थ है स्नान करना. रुद्राभिषेक का अर्थ हुआ भगवान शिव के रुद्र रूप का अभिषेक करना. रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे दोष, रोग, कष्ट और पाप से मुक्ति मिलती है.

जलाभिषेक की विशेष तैयारी: श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर में सावन मास में खासकर सावन के सोमवार को देशभर के श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं. इस बार भी यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे, जिसके चलते मंदिर में जलाभिषेक की विशेष तैयारियां की जा रही हैं. सावन सोमवार के लिए जलाभिषेक का सिलसिला रात्रि एक बजे से ही शुरू हो जाएगा.

इस वक्त बंद रहेंगे कपाट: सावन मास में प्रात: तीन बजे से प्रात: पांच बजे तक श्रृंगार आरती के लिए मंदिर के कपाट श्रृंगार के लिए बंद रहेंगे. इसके अलावा अपराह्न 11:30 बजे से 12 बजे तक भोग, सांयकाल 7 से 8 बजे तक आरती व रात्रि 8:30 बजे से रात्रि 9 बजे तक भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे. वहीं प्रत्येक सोमवार को विशेष श्रृंगार व आरती के लिए मंदिर के कपाट सांयकाल 6:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक बंद रहेंगे. शिवरात्रि का जल 15 जुलाई को रात्रि 8.30 बजे से चढ़ना शुरू होगा.

15 जुलाई से चढ़ेगा जल: मंदिर में शनिवार 15 जुलाई को प्रात: 6 बजे से त्रयोदशी का जल चढना शुरू होगा. चर्तुदशी व शिवरात्रि का जल शनिवार 15 जुलाई को रात्रि 8:30 बजे से रविवार 16 जुलाई की रात्रि 10 बजे तक चढ़ाया जाएगा.

सावन के सोमवारों की सूची-

पहला सोमवार10 जुलाई
दूसरा सोमवार17 जुलाई
तीसरा सोमवार24 जुलाई
चौथा सोमवार31 जुलाई
पांचवां सोमवार 7 अगस्‍त
छठां सोमवार14 अगस्‍त
सातवां सोमवार21 अगस्‍त
आठवां सोमवार 28 अगस्‍त

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