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धार्मिक कथाओं के माध्यम से दिया गया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

दिल्ली के IP एक्सटेंशन इलाके के निकुंज हाउसिंग सोसाइटी के प्रांगण में श्री धाम वृंदावन से पधारे श्रीमद् भागवत आचार्य श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज द्वारा भागवत कथा का प्रवचन किया गया.

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Published : Nov 17, 2019, 8:54 AM IST

भागवत कथा का आयोजन

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन इलाके में आचार्य श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज द्वारा भागवत कथा का प्रवचन किया गया. इस मौके पर श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया है.

भागवत कथा का आयोजन

'लोगों को लोभ से बचना चाहिए'
इस मौके पर आचार्य नित्यानंद जी महाराज ने भक्तजनों को श्रेष्ठ जीवन शैली के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को लोभ से बचना चाहिए. क्योंकि पाप का बाप है लोभ. उन्होंने संसार की उत्पत्ति के साथ कथा आरंभ की तथा सभी अवतारों की चर्चा की. भगवत पुराण में सूर्यवंशी और चंद्रवंशी परिवारों की कथा प्रस्तुत की. सूर्यवंशी भगवान श्री राम व चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की लीलाओं का कथाओं में वर्णन किया.

महादेव की कथा का हुआ वर्णन
आचार्य श्री ने प्रल्हाद की कथा भाव पूर्वक सुना कर जनमानस को अभिभूत कर दिया. भरत की कथा ने शिक्षा दी और कहा कि आप सहनशील बने देवों के देव महादेव नीलकंठ की कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आपको कभी भी किसी की वाणी कर्म और कष्ट पहुंचे तो उसे कंठ से नीचे ना जाने दें.

पर्यावरण का दिया उपदेश
नित्यानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा ने धरती पर अवतार लेकर एकता, प्रेम, सद्भावना का संदेश दिया. भगवान ने सभी वर्गों को एक साथ रहने का संदेश दिया है. नित्यानंद ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों और संतों का देश रहा है. यहां पर्यावरण सुधिकरण के लिए वृक्षारोपण किया जाता रहा है. लोगों को वृक्षारोपण करना चाहिए. सभी जनमानस को अपने स्तर से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपनी भागीदारी देनी चाहिए. ताकि आने वाली स्वास्थ्य रहें.

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन इलाके में आचार्य श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज द्वारा भागवत कथा का प्रवचन किया गया. इस मौके पर श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया है.

भागवत कथा का आयोजन

'लोगों को लोभ से बचना चाहिए'
इस मौके पर आचार्य नित्यानंद जी महाराज ने भक्तजनों को श्रेष्ठ जीवन शैली के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को लोभ से बचना चाहिए. क्योंकि पाप का बाप है लोभ. उन्होंने संसार की उत्पत्ति के साथ कथा आरंभ की तथा सभी अवतारों की चर्चा की. भगवत पुराण में सूर्यवंशी और चंद्रवंशी परिवारों की कथा प्रस्तुत की. सूर्यवंशी भगवान श्री राम व चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की लीलाओं का कथाओं में वर्णन किया.

महादेव की कथा का हुआ वर्णन
आचार्य श्री ने प्रल्हाद की कथा भाव पूर्वक सुना कर जनमानस को अभिभूत कर दिया. भरत की कथा ने शिक्षा दी और कहा कि आप सहनशील बने देवों के देव महादेव नीलकंठ की कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आपको कभी भी किसी की वाणी कर्म और कष्ट पहुंचे तो उसे कंठ से नीचे ना जाने दें.

पर्यावरण का दिया उपदेश
नित्यानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा ने धरती पर अवतार लेकर एकता, प्रेम, सद्भावना का संदेश दिया. भगवान ने सभी वर्गों को एक साथ रहने का संदेश दिया है. नित्यानंद ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों और संतों का देश रहा है. यहां पर्यावरण सुधिकरण के लिए वृक्षारोपण किया जाता रहा है. लोगों को वृक्षारोपण करना चाहिए. सभी जनमानस को अपने स्तर से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपनी भागीदारी देनी चाहिए. ताकि आने वाली स्वास्थ्य रहें.

Intro:पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन इलाके स्थित राजधानी निकुंज हाउसिंग सोसाइटी के प्रांगण में श्री धाम वृंदावन से पधारे श्रीमद् भागवत आचार्य श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज द्वारा भागवत कथा का प्रवचन किया गया इस मौके पर श्री नित्यानंद गिरी जी महाराज ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया हैं।


Body: इस मौके पर आचार्य नित्यानंद जी महाराज ने भक्तजनों को श्रेष्ठ जीवन शैली के बारे में बताते हुए कहा कि लोगों को लोभ से बचना चाहिए बचें क्योंकि पाप का बाप है लोभ ।

उन्होंने संसार की उत्पत्ति के साथ कथा आरंभ की तथा सभी अवतारों की चर्चा की।

भगवत पुराण में सूर्यवंशी और चंद्रवंशी परिवारों की कथा प्रस्तुत की सूर्यवंशी भगवान श्री राम व चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की लीलाओं को कथाओं में वर्णन किया ।

आचार्य श्री ने प्रल्हाद की कथा भाव पूर्वक सुना कर जनमानस को अभिभूत कर दिया ।

भारत की कथा ने शिक्षा दी और कहा कि आप सहनशील बने देवों के देव महादेव नीलकंठ की कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आपको कभी भी किसी की वाणी कर्म और कष्ट पहुंचे तो उसे कंठ से नीचे ना जाने दें यही नीलकंठ महादेव की आपको प्रेरणा दी है ।


Conclusion:नित्यानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा ने धरती।पर अवतार लेकर एकता, प्रेम,सद्भावना का संदेश दिया । भगवान ने सभी वर्गों को एक साथ रहने का संदेश दिया है । नित्यानंद ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों और संतों का देश रहा है । यहां पर्यावरण सुधिकरण के लिए वृक्षारोपण किया जाता रहा है । लोगों को वृक्षारोपण करना चाहिए । सभी जनमानस को अपने स्तर से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपनी भागीदारी देनी चाहिए । ताकि आने वाली स्वास्थ्य रहें ।
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