नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में नाले के किनारे सालों से बसे घरों को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर तोड़ दिया गया. इस दौरान निगम की टीम को विरोध का भी सामना करना पड़ा. विरोध करने पहुंचे आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार और 'आप' नेता दीपक सिंघला को पुलिस ने हिरासत में भी लिया.
कोर्ट ने दिए आदेश
प्रीत विहार इलाके में ईस्ट लक्ष्मी मार्केट के नाले किनारे सालों से लोग बसे हुए हैं, जो लोग ज्यादातर मेहनत मजदूरी कर अपना गुजर बसर करते हैं. ईस्ट लक्ष्मी मार्केट सीनियर सिटीजन रेजिडेंट एसोसिएशन के लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर कहा कि लोगों ने अवैध जमीन पर कब्जा किया है. मुकदमे की पूरी कार्रवाई के बाद कोर्ट ने कब्जा हटाने के आदेश दिए. जिसके बाद आज निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची और बनाए गए अवैध मकानों को ध्वस्त कर दिया.
पुलिस ने लोगों को समझाया
निगम और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो मकानों में रहने वाली महिलाएं सड़क पर उतर आईं और मकानों को ना तोड़ने के लिए शोर शराबा मचाने लगीं. यही नहीं महिलाएं पेट्रोल की बोतल लेकर धमकियां देने लगीं कि अगर उनके मकानों को तोड़ा गया तो वे पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा लेगीं. लेकिन मौके पर मौजूद प्रीत विहार एसएचओ ने मौके की गंभीरता को समझते हुए हंगामा कर रहे लोगों को समझाया और आगे की कार्रवाई की.
हिरासत में लेकर नेताओं को छोड़ा
कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई करने पहुंची निगम की टीम के खिलाफ कोंडली विधायक कुलदीप कुमार व आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी दीपक सिंगला नारेबाजी करने लगे और कहा कि देश में कोरोना महामारी चल रही है. ऐसे में ये लोग कहां जाएंगे, इनका आशियाना ऐसे नाजुक समय में नहीं तोड़ना चाहिए. जिसके बाद दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया.