नई दिल्ली/नोएडाः लंबे समय के बाद नोएडा में 1 अप्रैल से स्क्रैप पॉलिसी लागू हो गई. स्क्रैप पॉलिसी के तहत करीब डेढ़ लाख से अधिक वाहन कंडम की स्थिति में चले जाएंगे. वहीं फिलहाल एआरटीओ विभाग द्वारा वाहन स्वामियों को सहूलियत दी गई है कि वह अपने वाहन की एनओसी लेकर अन्य जनपद में एनसीआर से बाहर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जो वाहन स्वामी रजिस्ट्रेशन नहीं करना चाहते हैं, वह अपनी गाड़ी को स्क्रैप में कटवाने के लिए स्वतंत्र हैं. सुविधा के लिए वह एआरटीओ विभाग के सहयोग से बनाए गए स्क्रैप सेंटर में भी गाड़ी को दे सकते हैं. यह जानकारी नोएडा के एआरटीओ डॉ सियाराम वर्मा ने शनिवार को दी. उन्होंने बताया कि कंडम की स्थिति में पहुंचने वाली गाड़ियों में कुछ सरकारी गाड़ियां भी शामिल है. जिन्हें स्क्रैप में कटवा दिया जाएगा.
नोएडा एआरटीओ सिया राम वर्मा ने बताया कि हमारी योजना डीजल और पेट्रोल दोनों गाडियों के लिए एक समान है. कोई भी डीजल गाड़ी जो 10 साल से ज्यादा पुरानी हो और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल वाहन हैं, उन्हें एनसीआर क्षेत्र में चलाना प्रतिबंधित है. फिलहाल कार्यालय से वाहन स्वामी यहां से एनओसी लेकर प्रदेश के अन्य जनपदों में रजिस्ट्रेशन के लिए सुविधाएं ले सकते है, पर वह मंडली जनपद नहीं होना चाहिए. वहीं अगर वाहन स्वामी चाहता है तो उसको स्कैन सेंटर अपनी गाड़ी जमा कर सकता है. हमारे यहा कुल 1 लाख 68 हजार गाड़ियां हैं, सरकारी गाड़ियां करीब 34 है. जो अपने उम्र 15 साल निर्धारित डीजल और पेट्रोल की और उनके लिए आदेश आ गया है कि 15 साल के बाद किसी भी गाड़ी के लिए कोई फॉर्मेलिटी की आवश्यकता नहीं है. बिना किसी औपचारिकता के उस गाड़ी को कटवाया जा सकता है.
सियाराम वर्मा ने बताया कि 1,68,000 वाहनों के साथ ही सरकारी वाहनों पर शासन के सीधे निर्देश हैं कि सरकारी गाड़ी पेट्रोल हो या डीजल सभी की निर्धारित समय सीमा 15 साल रखी गई है. समय पूरा होने पर उन्हें कटवाया जा सकता है. वहीं उन्होंने बताया कि समय सीमा समाप्त करने वाले डीजल और पेट्रोल के वाहन जो बिना अनुमति सड़कों पर चल रहे हैं, उनके खिलाफ चालान और सीज करने का काम एआरटीओ विभाग और पुलिस विभाग के द्वारा किया जा रहा है. अब तक करीब 500 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
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