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वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 के विरोध में डाली गई रिट गलत: मसरूर हसन सिद्दीकी

वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 के विरोध में एक रिट याचिका दाखिल की गई है. जिसमें समानता के अधिकार की दलील देते हुए वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने की मांग की गई है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट मसरूर हसन सिद्दीकी ने पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से अपना पक्ष रखा.

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Published : Sep 6, 2020, 1:31 PM IST

Waqf Special Act 1995
वक्फ स्पेशल एक्ट 1995

नई दिल्ली: हाईकोर्ट में वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 के विरोध में एक रिट याचिका दाखिल की गई है. जिसमें समानता के अधिकार की दलील देते हुए वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने की मांग की गई है. इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट मसरूर हसन सिद्दीकी ने ईटीवी भारत से बात की.

मसरूर हसन सिद्दीकी ने रिट को ठहराया गलत

वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 बनाया


उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से अपना पक्ष रखा. मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि एक जनरल एक्ट होता है, जबकि एक स्पेशल एक्ट होता है. दिल्ली वक्फ बोर्ड की जायदादों की रक्षा के लिए वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 बनाया गया था. जिसका काम वक्फ बोर्ड को अच्छे ढंग से चलाना था. इस से पहले भी 1913, 1923 में भी वक्फ एक्ट बनाए गए थे.

'एक्ट को चुनौती देना एक साजिश है'

उन्होंने कहा कि विष्णु शंकर जैन और हरी शंकर जैन नाम के 2 व्यक्तियों ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्पेशल एक्ट 1995 को चुनौती दी है. जो गलत है. ये एक मुस्लिम संस्था है. जिसका एक्ट संविधान के मुताबिक बनाया गया है.

उनका कहना है कि ये रिट याचिका दाखिल करना एक साजिश है. जिसका मकसद मुसलमानों को परेशान करना है. मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि क्योंकि ये एक्ट सरकार की ओर से बनाया गया है. इसलिए इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अल्पसंख्यक मंत्रालय, अलग-अलग राज्यों के वक्फ बोर्ड सब को संजीदगी से इस मामले पर सोचना चाहिए.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट में वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 के विरोध में एक रिट याचिका दाखिल की गई है. जिसमें समानता के अधिकार की दलील देते हुए वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने की मांग की गई है. इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट मसरूर हसन सिद्दीकी ने ईटीवी भारत से बात की.

मसरूर हसन सिद्दीकी ने रिट को ठहराया गलत

वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 बनाया


उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से अपना पक्ष रखा. मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि एक जनरल एक्ट होता है, जबकि एक स्पेशल एक्ट होता है. दिल्ली वक्फ बोर्ड की जायदादों की रक्षा के लिए वक्फ स्पेशल एक्ट 1995 बनाया गया था. जिसका काम वक्फ बोर्ड को अच्छे ढंग से चलाना था. इस से पहले भी 1913, 1923 में भी वक्फ एक्ट बनाए गए थे.

'एक्ट को चुनौती देना एक साजिश है'

उन्होंने कहा कि विष्णु शंकर जैन और हरी शंकर जैन नाम के 2 व्यक्तियों ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्पेशल एक्ट 1995 को चुनौती दी है. जो गलत है. ये एक मुस्लिम संस्था है. जिसका एक्ट संविधान के मुताबिक बनाया गया है.

उनका कहना है कि ये रिट याचिका दाखिल करना एक साजिश है. जिसका मकसद मुसलमानों को परेशान करना है. मसरूर सिद्दीकी ने कहा कि क्योंकि ये एक्ट सरकार की ओर से बनाया गया है. इसलिए इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, अल्पसंख्यक मंत्रालय, अलग-अलग राज्यों के वक्फ बोर्ड सब को संजीदगी से इस मामले पर सोचना चाहिए.

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