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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: वक्फ बोर्ड की याचिका पर केंद्र ने पक्ष रखने के लिए कोर्ट से मांगा समय - वक्फ बोर्ड की याचिका पर केंद्र ने मांगा समय

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी गई है. अब इस मामले में 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
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Published : Oct 12, 2021, 8:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की. कोर्ट ने केंद्र सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए 26 अक्टूबर तक अपना पक्ष बताने का निर्देश दिया.


बीते 21 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और उससे जुड़े निर्माणों के दौरान वक्फ संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई बदलाव नहीं करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

ये भी पढ़ें- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों को संरक्षित रखने की मांग पर जवाब के लिए मिला समय

याचिकाकर्ता की ओर से वकील वजीह शफीक ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है जो वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 13 के तहत गठित की गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड को दिल्ली स्थित अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार है.

याचिका में कहा गया है कि वक्फ की संपत्तियां काफी प्राचीन और इबादत के महत्वपूर्ण स्थल हैं. इस बात की आशंका जताई गई है कि सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में छेड़छाड़ की जाए. इस प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट बताया था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की. कोर्ट ने केंद्र सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए 26 अक्टूबर तक अपना पक्ष बताने का निर्देश दिया.


बीते 21 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और उससे जुड़े निर्माणों के दौरान वक्फ संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई बदलाव नहीं करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

ये भी पढ़ें- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों को संरक्षित रखने की मांग पर जवाब के लिए मिला समय

याचिकाकर्ता की ओर से वकील वजीह शफीक ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है जो वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 13 के तहत गठित की गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड को दिल्ली स्थित अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार है.

याचिका में कहा गया है कि वक्फ की संपत्तियां काफी प्राचीन और इबादत के महत्वपूर्ण स्थल हैं. इस बात की आशंका जताई गई है कि सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में छेड़छाड़ की जाए. इस प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट बताया था.

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