नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जहां लोगों को पीने के पानी की कमी की समस्या को झेलना पड़ता है, वहां मवेशियों के लिए पानी की क्या व्यवस्था होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. लेकिन दिल्ली देहात के गांवों में बने तालाबों से अभी भी मवेशियों को भरपूर पानी पीने के लिए मिल जाता है. ऐसे में उस तालाब का दूषित होना उन मवेशियों के प्रति अपराध है, जो तालाबों के पानी से प्यास बुझाते हैं.
बापरोला गांव के एक मात्र तालाब की है, जो कभी गांव की सुंदरता में चार-चांद लगाने के साथ यहां के मवेशियों के प्यास को बुझाने के काम आती थी. पिछले कई महीनों से इस तालाब के सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर पहुंच रहा है, जिससे ये तालाब अपनी सुंदरता तो खो ही चुका है, साथ ही इसका दूषित पानी मवेशियों के लिए जहर हो चुका है. इसे पीकर मवेशी बीमार पड़ रहे हैं.
इस समस्या को लेकर स्थानीय निवासी सतपाल सोलंकी ने बताया कि पूरे गांव मे जगह-जगह सीवर का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है और आगे तालाब में जाकर मिल रहा है. इसे लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर सम्बंधित विभाग और यहां तक कि विधायक महेंद्र यादव तक गुहार लगाई गई. लेकिन अब तक किसी ने भी गाँव के एक मात्र तालाब की इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया.
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लोगों का कहना है कि सीवर के पानी के तालाब में पहुंचने की वजह से तालाब का पानी विषैला हो गया है, जिसे पीकर मवेशी बीमार पड़ रहे हैं. जब कि पिछले दिनों इस पानी को पीने से एक गाय की मौत हो गयी थी. लोगों ने बताया कि सिर्फ गांव ही नहीं गांव के आसपास से भी मवेशियों को पानी पिलाने के लिए यहां पर लाया जाता है, लेकिन अब उनके बीमार होने के डर की वजह से मवेशी भी कम आने लगे हैं. लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस सीवर ओवरफ्लो होने की समस्या को दूर किया जाए, जिससे तालाब तक ये गंदा पानी ना पहुंचे और फिर तालाब के पानी को निकलवा कर तालाब की सफाई कार्रवाई जाए, जिससे इस तालाब को फिर से पहले की तरह सुंदर और स्वच्छ बनाया जा सके.
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