नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना एक बार फिर जानलेवा साबित होने लगा है. दरअसल, बुधवार को कोरोना से दो मरीजों की मौत हो गई. जबकि 300 नए मामले सामने आए. दिल्ली में 21 मार्च के बाद ऐसा हुआ है जब कोरोना से किसी मरीज की मौत हुई है. 21 मार्च को कोरोना से मरीज की मौत हुई थी. राजधानी में मौजूदा समय में कोरोना की संक्रमण दर बढ़कर 13.89 प्रतिशत पहुंच गई है.
मंगलवार को दिल्ली में कोरोना के 214 नए मरीज मिले थे. इसके अनुसार देखें तो 24 घंटे में 86 नए मरीज बढ़ गए. हालांकि, ये राहत की बात है कि 24 घंटे में कोरोना के 163 मरीज ठीक भी हुए. वहीं, कुल 2160 लोगों ने कोरोना की जांच कराई. कोरोना के मामले बढ़ने से सक्रिय मरीजों की संख्या भी बढ़कर 806 पहुंच गई है. इनमें से 452 मरीज होम आइसोलेशन में हैं और 54 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. 17 मरीज आईसीयू, 21 आक्सीजन सपोर्ट और तीन मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. कुछ मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने की वजह से कोरोना आरक्षित कुल सात हजार 984 बेड में से 54 बेड भरे हैं, जबकि सात हजार 932 बेड खाली हैं.
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दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मध्य दिल्ली शाखा के अध्यक्ष डा. प्रेम अग्रवाल का कहना है कि अभी बहुत कम लोग कोरोना की जांच करा रहे हैं. अगर ज्यादा लोग जांच कराएंगे तो कोरोना के मामलों की संख्या और भी बढ़ सकती है, लेकिन कोरोना को लेकर बिलकुल भी डरने की जरूरत नहीं है.
एहतियात के तौर पर मास्क लगाना शुरू कर सकते हैं. जिन लोगों ने अभी तीसरी डोज नहीं ली है वे तीसरी डोज जरूर लगवा लें. साथ ही सरकार को सभी सरकारी अस्पतालों में फिर से वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए. अधिकांश अस्पतालों ने कोरोना की जांच भी बंद कर दी है वह फिर से शुरू होनी चाहिए. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभी कोरोना से जिन मरीजों की मौत हो रही उसके लिए सिर्फ कोरोना कारण नहीं है. इन मरीजों को पहले से भी कई बीमारियां हैं.
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