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करोड़ों की ज्वेलरी और कैश चुरा कर हुए फरार, बिहार से तीन इंटरस्टेट चोर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने चोरी और लूट के मामले में तीन आरोपियों को बिहार के मधुबनी से गिरफ्तार किया है. इस गैंग के मेंबर बिहार से दिल्ली आकर पॉश कॉलोनी के घरों में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करते हैं. फिर मौका मिलते ही अपने साथियों के साथ मिल कर वहां से चोरी-लूट की वारदाता को अंजाम देकर वापस बिहार फरार हो जाते हैं.

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बिहार से तीन इंटरस्टेट चोर गिरफ्तार
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Published : Nov 23, 2022, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच वेस्टर्न रेंज पुलिस ने इंटरस्टेट चोरों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो बिहार से दिल्ली आकर पॉश कॉलोनी के घरों में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करते थे. फिर मौका मिलते ही अपने साथी के साथ मिल कर घर से कीमती आभूषण और कैश लेकर फरार हो जाते थे. अब इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, रामभरोसे साह, मोलह मुखिया उर्फ मनोज मुखिया उर्फ भोलू और कमल मुखिया के रूप में हुई है. ये सभी बिहार के मधुबनी जिले स्थित अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने 04 लाख 68 हजार कैश, दो घड़ी, गोल्ड-डायमंड के 22 जोड़ी झुमके, तीन नेकलेस सेट, 14 रिंग, 08 ब्रेसलेट, 07 चूड़ियां, 04 गोल्ड चेन और डायमंड के 09 पेंडेंट बरामद किये गए हैं.

स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव के अनुसार, 14 नवंबर को मंगोलपुरी थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में पीतमपुरा के ऋषभ अग्रवाल ने बताया कि उनके घर में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करने वाले, मधुबनी, बिहार के रामभरोसे ने उनके घर से साढ़े 03 लाख रुपये कैश के अलावा करोड़ों रुपये की महंगी घड़ियां, डायमंड और सोने के आभूषण चुरा कर भाग गया.

पुलिस ने सीसीटीवी फूटेज में आरोपी रामभरोसे एक संदिग्ध के साथ पाया गया. बाद में उसकी पहचान, मोलह मुखिया उर्फ मनोज मुखिया के रूप में हुई. टेक्निकल सर्विलांस से पुलिस को इस वारदात में इंटरस्टेट गैंग के शामिल होने का पता चला. इस गैंग के मेंबर बिहार से दिल्ली आकर पॉश कॉलोनी के घरों में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करते हैं. फिर मौका मिलते ही अपने साथियों के साथ मिल कर वहां से चोरी-लूट की वारदाता को अंजाम देकर वापस बिहार फरार हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें : वेव ग्रुप के फाइनेंस डायरेक्टर पर ईडी ने दर्ज करवाई एफआईआर

टेक्निकल सर्विलांस से उन्हें आरोपियों के लगातार अपना लोकेशन बदलने का पता चला. जिसके बाद दिल्ली से टीम को बिहार भेजा गया. आखिरकार पुलिस ने एक आरोपी मोलहु मुखिया उर्फ मनोज मुखिया उर्फ भोलू को बिहार के मधुबनी स्थित बिरौल गांव से दबोच लिया. उसके पास से 79 हजार कैश, एक घड़ी और डायमंड के कुछ आभूषण बरामद हुए. उसने बताया कि उसने कुछ गोल्ड-डायमंड के आभूषणों को अपने भाई कमल मुखिया को बेचने के लिए दिया है. पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रामभरोसे को भी मधुबनी के धौसाहि गांव से दबोच लिया. राम भरोसे पर 2012 में मॉडल टाउन थाने में इसी तरह की वारदात को अंजाम देने का एक मामला दर्ज है, जबकि मोलहु उर्फ मनोज मुखिया के खिलाफ 2015 में मियांवाली नगर थाने में इस तरह का मामला चल रहा है. इस मामले में कोर्ट ने उसे भगौड़ा भी घोषित किया है. वहीं कमल, लूट और चोरी के सामानों को डिस्पोज करने में उनकी सहायता करता था.

नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच वेस्टर्न रेंज पुलिस ने इंटरस्टेट चोरों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो बिहार से दिल्ली आकर पॉश कॉलोनी के घरों में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करते थे. फिर मौका मिलते ही अपने साथी के साथ मिल कर घर से कीमती आभूषण और कैश लेकर फरार हो जाते थे. अब इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, रामभरोसे साह, मोलह मुखिया उर्फ मनोज मुखिया उर्फ भोलू और कमल मुखिया के रूप में हुई है. ये सभी बिहार के मधुबनी जिले स्थित अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने 04 लाख 68 हजार कैश, दो घड़ी, गोल्ड-डायमंड के 22 जोड़ी झुमके, तीन नेकलेस सेट, 14 रिंग, 08 ब्रेसलेट, 07 चूड़ियां, 04 गोल्ड चेन और डायमंड के 09 पेंडेंट बरामद किये गए हैं.

स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव के अनुसार, 14 नवंबर को मंगोलपुरी थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में पीतमपुरा के ऋषभ अग्रवाल ने बताया कि उनके घर में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करने वाले, मधुबनी, बिहार के रामभरोसे ने उनके घर से साढ़े 03 लाख रुपये कैश के अलावा करोड़ों रुपये की महंगी घड़ियां, डायमंड और सोने के आभूषण चुरा कर भाग गया.

पुलिस ने सीसीटीवी फूटेज में आरोपी रामभरोसे एक संदिग्ध के साथ पाया गया. बाद में उसकी पहचान, मोलह मुखिया उर्फ मनोज मुखिया के रूप में हुई. टेक्निकल सर्विलांस से पुलिस को इस वारदात में इंटरस्टेट गैंग के शामिल होने का पता चला. इस गैंग के मेंबर बिहार से दिल्ली आकर पॉश कॉलोनी के घरों में डोमेस्टिक हेल्पर के रूप में काम करते हैं. फिर मौका मिलते ही अपने साथियों के साथ मिल कर वहां से चोरी-लूट की वारदाता को अंजाम देकर वापस बिहार फरार हो जाते हैं.

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टेक्निकल सर्विलांस से उन्हें आरोपियों के लगातार अपना लोकेशन बदलने का पता चला. जिसके बाद दिल्ली से टीम को बिहार भेजा गया. आखिरकार पुलिस ने एक आरोपी मोलहु मुखिया उर्फ मनोज मुखिया उर्फ भोलू को बिहार के मधुबनी स्थित बिरौल गांव से दबोच लिया. उसके पास से 79 हजार कैश, एक घड़ी और डायमंड के कुछ आभूषण बरामद हुए. उसने बताया कि उसने कुछ गोल्ड-डायमंड के आभूषणों को अपने भाई कमल मुखिया को बेचने के लिए दिया है. पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रामभरोसे को भी मधुबनी के धौसाहि गांव से दबोच लिया. राम भरोसे पर 2012 में मॉडल टाउन थाने में इसी तरह की वारदात को अंजाम देने का एक मामला दर्ज है, जबकि मोलहु उर्फ मनोज मुखिया के खिलाफ 2015 में मियांवाली नगर थाने में इस तरह का मामला चल रहा है. इस मामले में कोर्ट ने उसे भगौड़ा भी घोषित किया है. वहीं कमल, लूट और चोरी के सामानों को डिस्पोज करने में उनकी सहायता करता था.

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