नई दिल्ली: 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प इससे भी बड़ा रूप ले सकती थी. वहां मौजूद पुलिसकर्मी अपनी अत्याधुनिक एसएलआर, MP5 और ग्लोक पिस्तौल गोली चलाने के लिए लॉक कर चुके थे. चारों तरफ से घिरे होने के चलते वह कभी भी फायरिंग कर सकते थे. ऐसे में वहां पर जब एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह पहुंचे तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को गोली चलाने से रोका. यह खुलासा एसआईटी की प्राथमिक जांच में हुआ है. इससे संबंधित एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.
एडिशनल डीसीपी ने गोली चलाने से रोका
पूरे मामले की जांच कर रही एसआईटी को पता चला है कि पुलिसकर्मी जेल लॉकअप में जब मौजूद थे तो बाहर खड़े अधिवक्ता लॉकअप तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे में तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मियों ने अपनी एसएलआर राइफल, MP5 सब मशीन एवं ग्लोक पिस्तौल को चलाने के लिए कॉक कर लिया था. लेकिन तभी वहां पहुंचे एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने उन्हें रोक लिया. इस समय दो गोलियां चल चुकी थी.
एडिशनल डीसीपी से हाथापाई का वीडियो आया सामने डीसीपी मोनिका भारद्वाज से बदसलूकी के बाद एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह से हाथापाई का वीडियो भी सामने आया है. इसमें कुछ वकील उनसे हाथापाई करते हुए दिख रहे हैं. उसी दौरान गोली चलती है और वकील इधर-उधर हो जाते हैं. क्राइम ब्रांच को जांच में पता चला है कि दोपहर 3.13 बजे एसीपी सब्जी मंडी राम मेहर सिंह के साथ एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह वहां पहुंचे थे. उस समय वकीलों ने लॉकअप को घेर रखा था और पुलिसकर्मियों से झगड़ा चल रहा था.
'गोली चली तो लगा आंसू गैस के गोले छुटे'
क्राइम ब्रांच को सीसीटीवी फुटेज से पता लगा है कि पुलिसकर्मियों ने पहले पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया ताकि भीड़ को हटाया जा सके. उसके बाद एएसआई ने दो गोलियां गेट की तरफ चलाई. इनमें से एक गोली वकील को लगी जबकि दूसरी ग्रिल पर लगी. गोली की आवाज सुनते ही एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह को लगा कि शायद आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. लेकिन जब वकील चिल्लाने लगे तो पता चला कि गोली चली है.
हथियार वाले पुलिसकर्मियों को पीछे किया
हरेंद्र सिंह ने देखा कि तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मी अपने हथियार कॉक कर गोली चलाने के लिए तैयार थे. वह उन पर चिल्लाए और उन्हें पीछे रहने के.निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी हथियार के साथ आगे नहीं रहेगा. बिना हथियार वाले पुलिसकर्मी ही आगे खड़े रहेंगे. अगर उस समय व पुलिसकर्मियों को नहीं रोकते तो वहां बड़ी संख्या में गोलियां चलती और कई लोगों की जान जा सकती थी.
उन्नाव रेप का आरोपी भी था लॉकअप में
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस वक्त यह पूरी घटना हुई उस वक्त लॉकअप में कुल 155 विचाराधीन कैदी मौजूद थे. इनमें उन्नाव रेप केस का आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर भी मौजूद था. पुलिसकर्मियों ने ह्यूमन चेन बनाकर इन सभी 155 कैदियों को सकुशल वहां से बाहर निकाला.