नई दिल्ली: नई दिल्ली: दिल्ली के कनॉट प्लेस पर एक ऐसा आर्टिफिशियल सोलर ट्री तैयार किया गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र और सेल्फी प्वाइंट होने के साथ बिजली भी पैदा करता है. इससे बल्ब जलते और सीसीटीवी कैमरे चलते हैं. इतना ही नहीं, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) ने दिल्ली से सटे साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट 4 स्थित अपनी मदर यूनिट में सोलर टेक्नोलॉजी पर पार्क भी विकसित किया है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह जमीन, छतों और अन्य स्थानों पर सोलर पैनल लगाया जा सकता है. इस पार्क के जरिए भारी मात्रा में बिजली पैदा की जा रही है.
सोलर टेक्नोलॉजी पार्क में टहलने वाले पथ पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं. यहां बने स्विमिंग पूल की सतह पर चमकदार नीली टाइल्स की जगह सोलर पैनल लगे हैं. इतना ही नहीं पार्क में बने मकान की छत भी सोलर पैनल से बनी हुई है. इन सब के जरिए दिखाया गया है कि किस तरीके से इस तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर बिजली पैदा की जा सकती है. इतना ही नहीं पार्क में फोल्डिंग सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिन्हें आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. बैठने के लिए बेंच, आर्टिफिशियल पेड़, स्मार्ट पोल आदि पर भी सोलर पैनल लगे हैं. इतना ही नहीं यूनिट के अंदर वाहनों की पार्किंग की शेड में टीन की जगह सोलर पैनल लगाया गया है, जिनसे भारी मात्रा में बिजली पैदा कर बिजली की बचत की जा रही है.
बिजली विभाग को दी जाती है बिजली: सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की यूनिट में विभिन्न स्थानों पर लगे सोलर से तैयार हो रही बिजली से कैमरे चलते हैं लाइट जलती हैं इसके साथ ही अन्य मशीनरी काम भी होता है. इसके अतिरिक्त जो बिजली बचती है वह नेट मीटर के जरिए बिजली विभाग को दे दी जाती है.
सरकारी इमारतों पर स्थापित किए गए सोलर पैनल: बता दें कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित कराए हैं. इन सोलर पैनल से बनने वाली सौर ऊर्जा इमारतों के ही बिजली खर्च में इस्तेमाल की जाती है. साथ ही जो बिजली बचती है, उसे बिजली विभाग अन्य जगह इस्तेमाल कर लेता है. इसमें अधिकतर स्कूलों और कालेजों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं.
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