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राउज एवेन्यू कोर्ट: कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित - ROUSE AVENUE COURT

डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ?

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
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Published : Sep 21, 2019, 3:26 PM IST

नई दिल्ली: कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से केएम नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार की समाज में गहरी पैठ है, लेकिन इससे बड़ी गहरी साजिश इस केस में नजर आती है.

ED की ओर से केएम नटराज ने ये भी कहा कि इस साजिश का खुलासा होना जरूरी है. जमानत देने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इनकम टैक्स जांच के दौरान कुछ गवाहों ने बयान दिये, लेकिन सात-आठ महीने बाद वो पलट गए. जाहिर है, उनको आरोपी की ओर से प्रभावित किया गया.

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं. डीके शिवकुमार को बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है. सिंघवी ने कहा कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं. सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है. ईडी रेड कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है. मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि अभी सिर्फ जमानत अर्जी पर जिरह हो रही है, इस स्टेज पर केस की मेरिट पर जाने की ज़रूरत नहीं है. पिछले 22 दिनों से हर रोज 9 घन्टे पूछताछ हो रही है. अगर पूछताछ में इनके कहे मुताबिक गुनाह नहीं कबूला जा रहा तो ये आरोप लगा रहे हैं कि सवालों से से बच रहा हूं. सिंघवी ने कहा कि सिर्फ 41 लाख की रकम बरामद की गई है फिर ये 143 करोड़ की रकम कहां से आ गई. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार के सिर्फ 20 खाते हैं. अगर एक भी इनके अलावा 21वां खाता एजेंसी दिखा दे तो मैं अपनी दलीलें बन्द कर दूंगा.

मुकुल रोहतगी ने कहा
सिंघवी के बाद डी के शिवकुमार की ओर से मुकल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल की समाज में अपनी एक प्रतिष्ठा है. वो सात बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार की ओर से रोहतगी ने ये भी कहा कि अभी जेलो में जो भीड़ है, वो कोर्ट के सामने एजेंसियों के इसी रवैये के चलते है. उनको कभी लगता है कि चिंदबरम कानून से भाग जायेंगे, कभी शिवकुमार भाग जायेंगे. डीके शिवकुमार की ओर से दायन कृष्णन ने कहा कि खुद कानून इस बात को मानता है कि बेल नियम है, जेल अपवाद है. कोर्ट को ये ध्यान रखना चाहिए.

पिछले 19 सितंबर को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एएसजी केएम नटराज ने कहा था कि उन्होंने ये संपत्ति कैसे हासिल की. मनी लाउंड्रिंग एक्ट स्वतंत्र कानून है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने इनकम टैक्स अदा दिया है कि नहीं. वो मनी लाउंड्रिंग की अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते हैं.

तब कोर्ट ने उनसे पूछा था कि अगर धारा 120बी के तहत साजिश रचने का कोई अपराध हुआ है तो अनुसूचित नहीं है तो क्या उस पर भी मनी लाउंड्रिंग कानून इसलिए लागू होगा जैसा कि अनूसूचित अपराध के लिए लागू होगा. तब केएम नटराज ने कहा था कि एक बार धारा 120बी लागू होता है तो हमें मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है.

नटराज ने कहा था कि किसी दोषपूर्ण संपत्ति का टैक्स चुकाने का ये मतलब नहीं है कि वो दोषपूर्ण संपत्ति नहीं है, नटराज ने कहा था कि पिछले 20 सालों की कृषि आय एक करोड़ 38 लाख रुपये है. 1997 से 2014 तक उनकी औसत आय तीन लाख रुपये थी. 2014-16 के बीच ये नौ लाख रुपये हो गई. इस दौरान काफी संपत्ति और कैश हासिल किया गया. मैं बहुत ज्यादा नहीं बताऊंगा लेकिन 1991 से डीके शिवकुमार की माताजी की हासिल की गई 38 संपत्तियां हैं. उनमें से अधिकांश संपत्ति डीके केम्पे गौड़ा से लोन के रुप में दिखाया गया है. लेकिन उसके बाद कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया. 1990 से उनके भाइयों की 27 संपत्तियां थीं. उसे भी उसी तरीके से खरीदी गया.

दो बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये हैं. उसके अलावा चार खातों का विश्लेषण किया जा रहा है. इसमें अपराध के कई लेयर हैं.

पिछले 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या के पास ईडी जिस 108 करोड़ रुपए के मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगा रही है उसमें 79 करोड़ लोन और निवेश का है.

पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ईडी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ की है और उसने महत्वपूर्ण सूचना दी है. चार्टर्ड अकाउंटेंट के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार ने 800 करोड़ रुपए की मनी लाउंड्रिंग की है.

पिछले 16 सितंबर को ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था. ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्होंने प्रत्यक्ष दस्तावेजी सबूतों के बावजूद सहयोग नहीं किया.

नई दिल्ली: कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से केएम नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार की समाज में गहरी पैठ है, लेकिन इससे बड़ी गहरी साजिश इस केस में नजर आती है.

ED की ओर से केएम नटराज ने ये भी कहा कि इस साजिश का खुलासा होना जरूरी है. जमानत देने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इनकम टैक्स जांच के दौरान कुछ गवाहों ने बयान दिये, लेकिन सात-आठ महीने बाद वो पलट गए. जाहिर है, उनको आरोपी की ओर से प्रभावित किया गया.

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं. डीके शिवकुमार को बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है. सिंघवी ने कहा कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं. सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है. ईडी रेड कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है. मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि अभी सिर्फ जमानत अर्जी पर जिरह हो रही है, इस स्टेज पर केस की मेरिट पर जाने की ज़रूरत नहीं है. पिछले 22 दिनों से हर रोज 9 घन्टे पूछताछ हो रही है. अगर पूछताछ में इनके कहे मुताबिक गुनाह नहीं कबूला जा रहा तो ये आरोप लगा रहे हैं कि सवालों से से बच रहा हूं. सिंघवी ने कहा कि सिर्फ 41 लाख की रकम बरामद की गई है फिर ये 143 करोड़ की रकम कहां से आ गई. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार के सिर्फ 20 खाते हैं. अगर एक भी इनके अलावा 21वां खाता एजेंसी दिखा दे तो मैं अपनी दलीलें बन्द कर दूंगा.

मुकुल रोहतगी ने कहा
सिंघवी के बाद डी के शिवकुमार की ओर से मुकल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल की समाज में अपनी एक प्रतिष्ठा है. वो सात बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार की ओर से रोहतगी ने ये भी कहा कि अभी जेलो में जो भीड़ है, वो कोर्ट के सामने एजेंसियों के इसी रवैये के चलते है. उनको कभी लगता है कि चिंदबरम कानून से भाग जायेंगे, कभी शिवकुमार भाग जायेंगे. डीके शिवकुमार की ओर से दायन कृष्णन ने कहा कि खुद कानून इस बात को मानता है कि बेल नियम है, जेल अपवाद है. कोर्ट को ये ध्यान रखना चाहिए.

पिछले 19 सितंबर को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एएसजी केएम नटराज ने कहा था कि उन्होंने ये संपत्ति कैसे हासिल की. मनी लाउंड्रिंग एक्ट स्वतंत्र कानून है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने इनकम टैक्स अदा दिया है कि नहीं. वो मनी लाउंड्रिंग की अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते हैं.

तब कोर्ट ने उनसे पूछा था कि अगर धारा 120बी के तहत साजिश रचने का कोई अपराध हुआ है तो अनुसूचित नहीं है तो क्या उस पर भी मनी लाउंड्रिंग कानून इसलिए लागू होगा जैसा कि अनूसूचित अपराध के लिए लागू होगा. तब केएम नटराज ने कहा था कि एक बार धारा 120बी लागू होता है तो हमें मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकार है.

नटराज ने कहा था कि किसी दोषपूर्ण संपत्ति का टैक्स चुकाने का ये मतलब नहीं है कि वो दोषपूर्ण संपत्ति नहीं है, नटराज ने कहा था कि पिछले 20 सालों की कृषि आय एक करोड़ 38 लाख रुपये है. 1997 से 2014 तक उनकी औसत आय तीन लाख रुपये थी. 2014-16 के बीच ये नौ लाख रुपये हो गई. इस दौरान काफी संपत्ति और कैश हासिल किया गया. मैं बहुत ज्यादा नहीं बताऊंगा लेकिन 1991 से डीके शिवकुमार की माताजी की हासिल की गई 38 संपत्तियां हैं. उनमें से अधिकांश संपत्ति डीके केम्पे गौड़ा से लोन के रुप में दिखाया गया है. लेकिन उसके बाद कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया. 1990 से उनके भाइयों की 27 संपत्तियां थीं. उसे भी उसी तरीके से खरीदी गया.

दो बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये हैं. उसके अलावा चार खातों का विश्लेषण किया जा रहा है. इसमें अपराध के कई लेयर हैं.

पिछले 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या के पास ईडी जिस 108 करोड़ रुपए के मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगा रही है उसमें 79 करोड़ लोन और निवेश का है.

पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ईडी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ की है और उसने महत्वपूर्ण सूचना दी है. चार्टर्ड अकाउंटेंट के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार ने 800 करोड़ रुपए की मनी लाउंड्रिंग की है.

पिछले 16 सितंबर को ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था. ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्होंने प्रत्यक्ष दस्तावेजी सबूतों के बावजूद सहयोग नहीं किया.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 



Body:सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से केएम नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार की समाज में गहरी पैठ है, लेकिन इससे बड़ी गहरी साजिश इस केस में नजर आती है । जिसका खुलासा जरूरी है। जमानत देने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इनकम टैक्स जांच के दौरान कुछ गवाहों ने बयान दिये, लेकिन सात-आठ महीने बाद वो पलट गए। जाहिर है, उनको आरोपी की ओर से प्रभावित किया गया। 
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं। लेकिन इसे साबित करने  वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं ? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं। मुझे बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है। सिंघवी ने कहा कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं। सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है । ईडी रेड कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है । मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, कोई राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि अभी सिर्फ जमानत अर्जी पर जिरह हो रही है, इस स्टेज पर केस की मेरिट पर जाने की ज़रूरत नहीं है। पिछले 22 दिनों से मुझसे हर रोज 9 घन्टे पूछताछ हो रही है। अगर मैं पूछताछ में इनके कहे मुताबिक गुनाह नहीं कबूल रहा तो ये आरोप लगा रहे हैं कि मैं सवालो से बच रहा हूं। सिंघवी ने कहा कि मुझसे सिर्फ 41 लाख की रकम बरामद की गई है फिर ये 143 करोड़ की रकम कहां से आ गई। डीके शिवकुमार के सिर्फ  20  खाते हैं। अगर एक भी इनके अलावा 21 वां खाता एजेंसी दिखा दे तो मैं अपनी दलीलें बन्द कर दूंगा। 
सिंघवी के बाद डी के शिवकुमार की ओर से मुकल रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल की समाज में अपनी एक प्रतिष्ठा है। वो सात बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार की ओर से  रोहतगी- अभी जेलो में जो भीड़ है, वो कोर्ट के सामने एजेंसियों के इसी रवैये के चलते है। उनको कभी  लगता है कि चिंदबरम कानून से भाग जायेंगे, कभी शिवकुमार भाग जायेंगे। डीके शिवकुमार की ओर से दायन कृष्णन ने कहा कि ख़ुद कानून इस बात को मानता है कि बेल नियम है, जेल अपवाद है। कोर्ट को ये ध्यान रखना चाहिए।
पिछले 19 सितंबर को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एएसजी केएम नटराज ने कहा था कि उन्होंने ये संपत्ति कैसे हासिल की। मनी लाउंड्रिंग एक्ट स्वतंत्र कानून है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने इनकम टैक्स अदा दिया है। वे मनी लाउंड्रिंग की अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते हैं। तब कोर्ट ने उनसे पूछा था कि अगर धारा 120बी के तहत साजिश रचने का कोई अपराध हुआ है तो अनुसूचित नहीं है तो क्या उस पर भी मनी लाउंड्रिंग कानून इसलिए लागू होगा जैसा कि अनूसूचित अपराध के लिए लागू होगा। तब केएम नटराज ने कहा था कि एक बार धारा 120बी लागू होता है तो हमें मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने क अधिकार है।
नटराज ने कहा था कि किसी दोषपूर्ण संपत्ति का टैक्स चुकाने का ये मतलब नहीं है कि वो दोषपूर्ण संपत्ति नहीं है। नटराज ने कहा था कि पिछले 20 सालों की कृषि आय एक करोड़ 38 लाख रुपये है। 1997 से 2014 तक उनकी औसत आय तीन लाख रुपये थी। 2014-16 के बीच ये नौ लाख रुपये हो गई। इस दौरान काफी संपत्ति और कैश हासिल की गई । मैं बहुत ज्यादा नहीं बताऊंगा लेकिन 1991 से डीके शिवकुमार की माताजी द्वारा हासिल की गई 38 संपत्तियां हैं। उनमें से अधिकांश संपत्ति डीके केम्पे गौड़ा से लोन के रुप में दिखाया गया है। लेकिन उसके बाद कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया। 1990 से उनके भाईयों की 27 संपत्तियां थीं। उसे भी उसी तरीके से खरीदी गई। दो बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये हैं। उसके अलावा चार खातों का विश्लेषण किया जा रहा है। इसमें अपराध के कई लेयर हैं।
पिछले 18 सितंबर को सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या के पास ईडी जिस 108 करोड़ रुपए के मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगा रही है उसमें 79 करोड़ लोन और निवेश का है।
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ईडी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ की है और उसने महत्वपूर्ण सूचना दी है। चार्टर्ड अकाउंटेंट के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार ने 800 करोड़ रुपए की मनी लाउंड्रिंग की है। 



Conclusion:पिछले 16 सितंबर को ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था। ईडी ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्होंने प्रत्यक्ष दस्तावेजी सबूतों के बावजूद सहयोग नहीं किया । 
पिछले 13 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक बढ़ा दिया था। कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया था कि पहले वो डीके शिवकुमार के स्वास्थ्य जरुरतों की पहली प्राथमिकता देंगे, उसके बाद ही उनसे पूछताछ करेंगे। कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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