नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में तीसरी टनल का मंगलवार को सफल ब्रेकथ्रू हुआ. इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.2 (टनल बोरिंग मशीन) ने भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच लगभग दो किलोमीटर लंबी टनल का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा कर लिया. बोरिंग मशीन ने मेरठ सेंट्रल स्टेशन में बनाई गयी टनल रिट्रीविंग शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया. मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर की यह तीसरी टनल है, जिसका सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हुआ है. सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू के बाद एनसीआरटीसी की टीम ने तिरंगा फहराकर जश्न मनाया.
भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक दो किलोमीटर लंबी दूसरी समानांतर टनल के ब्रेकथ्रू के साथ ही एनसीआरटीसी ने परियोजना का एक और माइलस्टोन हासिल कर लिया है. टनल निर्माण होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने का कार्य प्रारम्भ होगा. मेरठ के शताब्दी नगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है. इन ट्रैक स्लैब को ट्रकों-ट्रेलरों के जरिये टनल की साइट पर ले जाया जाएगा और इन्सटॉल किया जाएगा.
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भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक लगभग दो किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए 9 हजार से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है. टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है. इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है. आरआरटीएस टनलों का Diameter 6.5 मीटर है. मेट्रो सिस्टम की तुलना में, देश में पहली बार इतनी बड़ी आकार की टनल का निर्माण किया जा रहा है.
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