नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत के लिए जनसंख्या बढ़ोतरी सबसे बड़ी चिंताओं में एक है. असम के बाद अब योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने जा रही है. राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. नए कानून को बनाने के लिए आयोग ने अन्य राज्यों में लागू कानून का अध्ययन करना भी शुरू दिया है. जल्द आयोग इसका मसौदा तैयार कर सरकार को सौंपेगा.
जनसंख्या नियंत्रण कानून बेहद आवश्यक
राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की सूचना मिल रही है. लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की जा रही है. वर्तमान समय में देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बेहद आवश्यक है. मोदी सरकार आने के बाद देश में तेजी से विकास कार्य तेज हो रहे हैं, लेकिन अधिक जनसंख्या के कारण आम जनता को सरकारी योजनाओं का जो फायदा मिलना चाहिए था वो नहीं मिल पा रहा है. प्रदेश की जनता द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए जा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून का स्वागत किया जाएगा. देश के अन्य राज्य भी जनसंख्या नियंत्रण कानून का अनुसरण करेंगे.
बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल द्वारा पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या की स्थिति
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. ये कुल आबादी का करीब 80 फीसदी है. वहीं, मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आस-पास रही है. ईसाई करीब चार लाख, सिख साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार जनसंख्या रही है. जनसंख्या के मामले में यूपी दुनिया के पांच देशों से ही पीछे है. यानी कि छठे देश के बराबर उत्तर प्रदेश की आबादी है. यही वजह है कि योगी सरकार जनसंख्या विस्फोट को रोकने की कवायद में जुट गई है.
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