नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर ऊपर बह रहा है. यही वजह है कि यमुना खादर के सभी इलाकों में बाढ़ आ गई है. बीते दो दिन से बाढ़ पीड़ितों को यमुना खादर में बनी उनकी झुग्गियों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है. दिल्ली सरकार और एनडीआरएफ की टीमें लोगों को लगातार रेस्क्यू करने में लगी हुई है.
इसी कड़ी में दिल्ली सरकार के श्रम-रोजगार एवं समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद गुरुवार को बाढ़ पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यमुना खादर के इलाके में बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत कैंपों का जायजा लिया. इस दौरान उन्हें जिला प्रशासन की ओर से यमुना किनारे बनी झुग्गियों में और लोगों के फैंस होने की जानकारी मिली. इस दौरान राजकुमार आनंद भी बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकलने के लिए जा रही जिला प्रशासन की नाव में सवार हो गए और पानी में फंसे लोगों के बीच पहुंचे. इस दौरान पांच-छह लोगों को खुद भी पकड़कर नाव में चढ़ाया.
नाव द्वारा निरीक्षण के दौरान मंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया. राजकुमार आनंद ने बताया कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए करीब ढ़ाई हजार कैंप लगाए हैं. इन कैंपों में मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर हर तरह की सुविधा जैसे खाने, पीने के पानी, डॉक्टर, नर्स और अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही फंसे हुए लोगों को बोट से और अन्य तरीकों से निकालने का काम जारी है. कल रेस्क्यू की गति धीमी थी, लेकिन केजरीवाल की अपील के बाद रेस्क्यू की गति बढ़ी है. आज तक 85 से 95 प्रतिशत तक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. अब इन लोगों को शिविरों में अन्य सुविधाएं जैसे नहाने धोने की व्यवस्थाएं बढ़ाने का काम होगा.
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