नई दिल्ली: सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध मे पुरानी दिल्ली की शाही ईदगाह में सैकड़ों महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी है. जहां इसमें लोग धरना प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे है. वहीं बहुत से समाजसेवी और वकीलों की टीम यहां पहुंच कर प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे हैं. इस दौरान ईदगाह के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं बहुत से स्कूलों, कॉलेजों के छात्र-छात्राएं देश भक्ति प्रोग्राम भी पेश कर रहे हैं.
प्रदशर्नकारियों को समाजसेवी ने दिया समर्थन
रविवार रात सीनियर सोशल एक्टिविस्ट मोहम्मद सलमान निजामी भी अपनी टीम के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और मुस्लिम महिलाओं को हर संभव सहायता देने का यकीन दिलाया. उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि आप इतनी सर्दी में देश के संविधान को बचाने के लिए सड़कों पर बैठी हुई है, ये बड़ी बात है आप इसके लिए बधाई के पात्र हैं.
जामिया में फायरिंग की कड़ी निंदा की
सलमान निजामी ने जामिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर गोली चलाने की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएंगे, और भड़काऊ भाषण देंगे तब यह सब होना मुमकिन है.
उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि दिल्ली में मासूम छात्रों पर यह क्या हो रहा है क़ानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है, ऐसे में हमारी मांग है कि प्रदर्शनकारियों को हर तरह से महफूज किया जाए.
सलमान निजामी ने विस्तार के साथ कहा कि बीजेपी के नेता लगातार भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. प्रदर्शनकारियों पर गोली मारने के लिए उकसा रहे हैं. हम मानते हैं कि इस तरह के लोगों को सरकार से संरक्षण मिला हुआ है. तभी उनका मनोबल इतना बढ़ गया है और ऐसे लोग खुलेआम छात्रों पर गोली चला रहे हैं, जो बड़े दुर्भाग्य की बात है.
'फायरिंग करने वाले नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोग'
सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही अदीबा खातून और मुहतरमा कुरैशी ने कहा कि ये नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोग हैं. देश खुलेआम गोडसे के मानने वालों को देख रहा है. जिस तरह से गांधी को गोडसे ने मारा था, जामिया में वही तांडव हो रहा है. उनका ये भी कहना था कि देश भक्ति के नाम पर जो खेल सरकार खेल रही है. उससे देश को बड़ा नुकसान होने वाला है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि सभी धर्मों के लोग अपने खूबसूरत संविधान को बचाने के लिए आगे आएं.