नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की. इस दौरान दो साल सन 1971 से 1973 तक प्रोफेसर जय देव अग्रवाल ने उन्हें पढ़ाया. अरुण जेटली का छात्र जीवन कैसा था, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रोफेसर अग्रवाल से खास बातचीत की.
ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी थे अरुण जेटली
प्रोफेसर जे डी अग्रवाल ने बताया अरुण जेटली बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी रहे थे. छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद अरुण जेटली सभी क्लासेस अटेंड करते थे.
कॉलेज में राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस में जेटली अधिकतर भाग लेते थे. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अधिकतर डिबेट्स में अरुण जेटली प्रथम स्थान पर आते थे.
'समस्याओं का सामाधान करते थे'
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि उनका 49 साल का शैक्षिक अनुभव रहा है. इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्रसंघ के नेता कुलपति, प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अक्सर बदतमीजी करते हैं, लेकिन अरुण जेटली का सबसे हमेशा अच्छा व्यहवार रहा.
उन्होंने बताया कि जब अरुण जेटली के केंद्रीय मंत्री रहते कोई भी छात्र उनके पास कोई समस्या लेकर जाता था, वह उसकी समस्या सुनते और समाधान निकालते.
अरुण जेटली बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, उनका देश को आगे बढ़ाने में दिया गया योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है.