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छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद कॉलेज में क्लासेज नहीं छोड़ते थे अरुण जेटली - ईटीवी भारत लाइव़

देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की थी. वह बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी रहे थे. छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद अरुण जेटली सभी क्लासेस अटेंड करते थे.

प्रोफेसर जे डी अग्रवाल और अरुण जेटली , etv bharat
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Published : Aug 26, 2019, 12:13 AM IST

नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अरुण जेटली ने श्रीराम कॉलेज से की है पढ़ाई

अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की. इस दौरान दो साल सन 1971 से 1973 तक प्रोफेसर जय देव अग्रवाल ने उन्हें पढ़ाया. अरुण जेटली का छात्र जीवन कैसा था, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रोफेसर अग्रवाल से खास बातचीत की.

ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी थे अरुण जेटली
प्रोफेसर जे डी अग्रवाल ने बताया अरुण जेटली बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी रहे थे. छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद अरुण जेटली सभी क्लासेस अटेंड करते थे.
कॉलेज में राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस में जेटली अधिकतर भाग लेते थे. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अधिकतर डिबेट्स में अरुण जेटली प्रथम स्थान पर आते थे.

'समस्याओं का सामाधान करते थे'
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि उनका 49 साल का शैक्षिक अनुभव रहा है. इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्रसंघ के नेता कुलपति, प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अक्सर बदतमीजी करते हैं, लेकिन अरुण जेटली का सबसे हमेशा अच्छा व्यहवार रहा.
उन्होंने बताया कि जब अरुण जेटली के केंद्रीय मंत्री रहते कोई भी छात्र उनके पास कोई समस्या लेकर जाता था, वह उसकी समस्या सुनते और समाधान निकालते.
अरुण जेटली बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, उनका देश को आगे बढ़ाने में दिया गया योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है.

नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अरुण जेटली ने श्रीराम कॉलेज से की है पढ़ाई

अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की. इस दौरान दो साल सन 1971 से 1973 तक प्रोफेसर जय देव अग्रवाल ने उन्हें पढ़ाया. अरुण जेटली का छात्र जीवन कैसा था, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रोफेसर अग्रवाल से खास बातचीत की.

ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी थे अरुण जेटली
प्रोफेसर जे डी अग्रवाल ने बताया अरुण जेटली बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी रहे थे. छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद अरुण जेटली सभी क्लासेस अटेंड करते थे.
कॉलेज में राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस में जेटली अधिकतर भाग लेते थे. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अधिकतर डिबेट्स में अरुण जेटली प्रथम स्थान पर आते थे.

'समस्याओं का सामाधान करते थे'
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि उनका 49 साल का शैक्षिक अनुभव रहा है. इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्रसंघ के नेता कुलपति, प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अक्सर बदतमीजी करते हैं, लेकिन अरुण जेटली का सबसे हमेशा अच्छा व्यहवार रहा.
उन्होंने बताया कि जब अरुण जेटली के केंद्रीय मंत्री रहते कोई भी छात्र उनके पास कोई समस्या लेकर जाता था, वह उसकी समस्या सुनते और समाधान निकालते.
अरुण जेटली बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, उनका देश को आगे बढ़ाने में दिया गया योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है.

Intro:देश के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं के साथ-साथ विपक्षी दलों के विभिन्न नेता मौजूद रहे.




Body:अरुण जेटली भारतीय जनता पार्टी के भरोसेमंद नेताओं में रहे, संगठन के विभिन्न फैसलों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अरुण जेटली को उनके निवास पर श्रद्धांजलि देने पहुँची तब वे भावुक हो गईं. उन्होंने अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली को गले लगा लिया. जिससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि अरुण जेटली ने विपक्षी दलों के नेताओं के दिलों में अपना एक विशेष स्थान बनाया था.

अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की, इस दौरान दो साल सन 1971 से 1973 तक प्रोफेसर जय देव अग्रवाल ने उन्हें पढ़ाया. अरुण जेटली का छात्र जीवन कैसा था इसी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रोफेसर अग्रवाल से खास बातचीत की.

प्रोफेसर जे डी अग्रवाल ने बताया अरुण जेटली बहुत ही ईमानदार और आज्ञाकारी विद्यार्थी रहे, छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद अरुण जेटली सभी क्लासेस अटेंड करते थे. कॉलेज में राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस में जेटली अधिकतर भाग लेते थे. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अधिकतर डिबेट्स में अरुण जेटली प्रथम स्थान पर आते थे.

प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि उनका 49 साल का शैक्षिक अनुभव रहा है. इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्रसंघ के नेता कुलपति, प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अक्सर बदतमीजी करते हैं लेकिन अरुण जेटली का सबसे हमेशा अच्छा व्यहवार रहा.

उन्होंने बताया कि जब अरुण जेटली के केंद्रीय मंत्री रहते कोई भी छात्र उनके पास कोई समस्या लेकर जाता था, वह उसकी समस्या सुनते और समाधान निकालते.




Conclusion:अरुण जेटली बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, अरुण जेटली का देश को आगे बढ़ाने में दिया गया योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है.
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