नई दिल्ली: प्रयागराज में मारे गए माफिया अशरफ के साले सद्दाम को एसटीएफ ने दिल्ली से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले कई महीनों से पुलिस उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में वांछित चल रहे जिस अब्दुल समद उर्फ सद्दाम को तलाश रही थी. उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ टीम ने सद्दाम को दिल्ली के सेलेक्ट सिटी माल के सामने स्थित डीडीए फ्लैट से गिरफ्तार किया है. वह दिल्ली के कई इलाकों में छुपकर रह रहा था. यूपी पुलिस ने उसकी तलाश में जामिया नगर, बाटला हाउस और शाहीन बाग में भी अपने मुखबिर लगा रखे थे, लेकिन सद्दाम बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था.
लगातार बदल रहा था जगह: सद्दाम अपनी प्रेमिका से मिलने के चक्कर गया. इस दौरान उससे लापरवाही हो गई और वह पुलिस की पकड़ में आ गया. सद्दाम उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद के गिरोह का बदमाश है. रिश्ते में वह वह अतीक अहमद के भाई अशरफ का साला है. कुछ समय पहले जब अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत के दौरान प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उस वक्त सद्दाम उमेश पाल हत्याकांड में लंबे समय से फरार था. यूपी पुलिस को उसने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में जगहें बदल रहा था. पिछले करीब एक माह से वह दिल्ली में था और सकेत सेलेक्ट सिटी मॉल के सामने डीडीए फ्लैट्स में रह रहा था. गुरुवार को वह अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा था उसी बीच पुलिस ने उसे दबोच लिया.
जेल में बनाया था नेटवर्क: सद्दाम ने बताया कि उसने जेल में अपना नेटवर्क खड़ा किया था. लल्ला गद्दी की मदद से वह जेल में अशरफ से लोगों की मुलाकात करवाता था. अशरफ जेल में बैठे-बैठे लोगों को फोन पर रंगदारी मांगने से लेकर जान से मारने तक की धमकी देता था. बाकी का काम सद्दाम बाहर रहते हुए करता था. उमेश पाल हत्याकांड से पहले सद्दाम ने 11 फरवरी को भी जेल में शूटरों से मुलाकात की थी. उमेश पाल की हत्या से 13 दिन पहले यानी 11 फरवरी को जेल में अशरफ से मिलने अतीक का बेटा असद, लल्ला गद्दी, उस्मान चौधरी और गुड्डू मुस्लिम मोहम्मद सहित 8 लोग गए थे.
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उमेश पाल की हत्या के बाद से था फरार: प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से सद्दाम फरार था. पुलिस की कई टीमें उस की तलाश में जुटी हुई थी. उसके यहां होने का इनपुट मिलने के बाद से यूपी एसटीएफ कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले थी और गुरूवार को उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह अपने बहनोई अशरफ के लिए काम करता था. अशरफ बरेली की जेल में था इसलिए बाहर का सारा काम सद्दाम ही देखता था. अशरफ द्वारा कब्जा की गई लोगों की जमीनों को बेचने और किराए पर देने का काम करता था. अतीक अहमद और अशरफ विवादित प्रॉपर्टी को कब्जाने का काम करते थे. उनका रखरखाव सद्दाम ही देखता था.
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