नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को उपहार सिनेमा हॉल को डी-सील करने का आदेश दिया. न्यायाधीश संजय गर्ग ने कहा कि चूंकि मुकदमा अंतिम पड़ाव पर है. साथ ही घटना से संबंधित सभी कानूनी कार्रवाई पूरी हो गई है. ऐसे में संपत्ति को सील रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, इसलिए सिनेमा हॉल को डी-सील किया जाता है. साथ ही आवेदक को असली मालिक होने के नाते सिनेमा हॉल वापस किया जाता है.
1997 में घटना के बाद से सील है सिनेमा हॉल: सिनेमा को डी-सील करने के आवेदन में दावा किया गया था कि मालिक को 1997 से उपहार सिनेमा से बेदखल कर दिया गया है. आवेदक को उसकी संपत्ति से आगे वंचित करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इसमें कहा गया है कि रखरखाव के अभाव में संपत्ति जर्जर हालत में पहुंच गई है. क्योंकि पुलिस द्वारा जब्त की गई संपत्ति को आवश्यकता से अधिक समय तक बरकरार नहीं रखा जा सकता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को अंसल थिएटर्स और क्लब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को सिनेमा हॉल को डी-सील करने के लिए ट्रायल कोर्ट में जाने की अनुमति दी थी.
59 लोगों की हुई थी मौतः इस सिनेमा हॉल में 13 जून 1997 में भीषण आग में बॉर्डर फिल्म देख रहे 59 दर्शकों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई, दिल्ली पुलिस, एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति पहले ही आवेदक को थिएटर वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को अपनी अनापत्ति दे चुकी हैं. सिनेमा हॉल को डी-सील करने की मांग का आवेदन अंसल थिएटर्स एंड क्लब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर किया गया था. इस कंपनी के पूर्व निदेशक रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल थे, जिन्हें अग्नि त्रासदी मामले में दोषी ठहराया गया था.