उन्होंने कहा कि यह जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए. उन्होंने उपराज्यपाल से स्वतंत्र तथा उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आगजनी की घटना में 17 अमूल्य जीवन खोना एक गंभीर मामला है. परंतु मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस पर लीपापोती कर इसे हल्के में ले रहे हैं. वह दुर्घटना के लगभग 7 घंटे बाद दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और त्रासदी को कम आंकते हुए उन्होंने मजिस्ट्रेट द्वारा जांच के आदेश दिए हैं.
स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की जरूरत
त्रासदी की व्यापकता को देखते हुए आवश्यक है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. नेता विपक्ष ने कहा कि चूंकि मामले में दिल्ली सरकार के दिल्ली अग्निशमन सेवा तथा लोक निर्माण विभाग की भूमिका की भी जांच की जाने की आवश्यकता है, इसीलिए इसमें एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच कराई कराने की आवश्यकता है.
अग्निशमन सेवा को दुरुस्त करने की आवश्यकता
दिल्ली सरकार को अपने स्तर पर दिल्ली अग्निशमन सेवा के आधुनिकीकरण की आवश्यकता की ओर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाइड्रोलिक सीढ़ी को खोलने में काफी कठिनाई और समय लग गया है. यदि समय रहते सीढ़ी खुल गई होती तो कई अमूल्य जाने बच सकती थी.
![undefined](https://s3.amazonaws.com/saranyu-test/etv-bharath-assests/images/ad.png)
उन्होंने कहा कि होटल एसोसिएशन का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा होटल के सामने बनाया गया डिवाइडर अत्यधिक लंबा है, इस कारण अग्निशमन की गाड़ियों को काफी लंबा रूट तय करना पड़ा. इस कारण आग बुझाने में देरी हुई.