नई दिल्ली: देशभर में 22 मई से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, जबकि रमजान 24 मार्च से शुरू हुआ है. इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की डासना जेल में एक तरफ बंदी नवरात्रि के व्रत रख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बंदी रमजान में रोजे भी रख रहे हैं. नवरात्रि और रमजान के दौरान बंदियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसका जेल प्रशासन द्वारा विशेष ख्याल रखा जा रहा है.
डासना जेल में कैदियों ने रखा व्रत और रोजा: डासना जेल में तकरीबन पांच हजार से अधिक बंदी हैं, जिसमें से 1300 से अधिक बंदी नवरात्र के दौरान व्रत रख रहे हैं. जबकि करीब 700 बंदी रमजान में रोजे रख रहे हैं. जेल में व्रत रखने वाले बंदी सुबह में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. जेल में बकायदा इसके लिए भजन कीर्तन के लिए मंडली बनी हुई है, जोकि बंदियों को ना सिर्फ भजन कीर्तन कराती है बल्कि उन्हें पूजा पाठ भी करवाती है. रमजान के दौरान शुक्रवार को जेल में नमाज होती है, जो कि मौलवी द्वारा अदा करवाई जाती है.
जेल में कैदी धूमधाम से मनाते सभी त्योहार: जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक जेल में सभी त्योहारों को कैदी धूमधाम के साथ मनाते हैं. जेल प्रशासन का प्रयास रहता है कि बंदी सकारात्मक कार्यों में संलग्न रहे. जिससे कि वह डिप्रेशन आदि से ग्रसित ना हो. जेल में लगभग सभी धर्मों के बंदी हैं. ऐसे में सभी धर्मों के त्योहारों को जेल में धूमधाम के साथ बंदी मनाते हैं. जेल मैनुअल के मुताबिक व्रत और रोजे के लिए बंदियों को आहार उपलब्ध कराया जाता है.
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बता दें कि व्रत रखने वाले बंदियों को उबला हुआ आलू, दूध चीनी आदि उपलब्ध कराया जाता है. रोजा रखने वाले बंदियों को ब्रेड, दूध आदि आहार उपलब्ध कराया जा रहा है. कई बार व्रत या रोजे के दौरान कैदियों के तबीयत भी खराब हो जाती है. ऐसे में किसी बंदी को किसी प्रकार की कोई स्वास्थ संबंधित समस्या नहीं हो उसके लिए डॉक्टर्स की टीम भी मौजूद रहती है.
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