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तबलीगी जमात: कोर्ट के फैसले ने मीडिया और सरकार को बेनकाब कर दिया: मौलाना मदनी

बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा तबलीगी जमात के 29 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने के बाद मौलाना अरशद मदनी ने फैसले का स्वागत किया है.

Maulana Arshad Madni welcomed the decision of Bombay High Court on Tabligi Jamaat
मौलाना अरशद मदनी
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Published : Aug 23, 2020, 8:14 PM IST

नई दिल्लीः जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ जाहिर होता है कि नफरत की बुनियाद पर तबलीगी जमात को बली बकरा बनाया गया था.

तबलीगी जमात पर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का मौलाना मदनी ने किया स्वागत

अरशद मदनी ने कहा कि जिन लोगों ने नफरत फैलाने का काम किया वो गलत थे. उनके दिलों में मुसलमानों के प्रति नफरत भरी हुई थी. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया.

उन्होंने कहा कि आज ये बात खुल गई कि तबलीगी जमात के लोग बेकसूर थे. लिहाजा कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. कोर्ट ने एक बात और कही कि ये हमारे मेहमान थे, इनके साथ अच्छा सलूक किया जाना चाहिए. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तब्लीगी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया था.

फैसला सुनाते हुए जस्टिस टीवी नलवाड़े और जस्टिस एमजी सेवलिकर की खंडपीठ ने कहा था कि मार्च में दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को बलि का बकरा बनाया गया था.

नई दिल्लीः जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ जाहिर होता है कि नफरत की बुनियाद पर तबलीगी जमात को बली बकरा बनाया गया था.

तबलीगी जमात पर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का मौलाना मदनी ने किया स्वागत

अरशद मदनी ने कहा कि जिन लोगों ने नफरत फैलाने का काम किया वो गलत थे. उनके दिलों में मुसलमानों के प्रति नफरत भरी हुई थी. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया.

उन्होंने कहा कि आज ये बात खुल गई कि तबलीगी जमात के लोग बेकसूर थे. लिहाजा कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. कोर्ट ने एक बात और कही कि ये हमारे मेहमान थे, इनके साथ अच्छा सलूक किया जाना चाहिए. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तब्लीगी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया था.

फैसला सुनाते हुए जस्टिस टीवी नलवाड़े और जस्टिस एमजी सेवलिकर की खंडपीठ ने कहा था कि मार्च में दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को बलि का बकरा बनाया गया था.

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