नई दिल्ली: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत 263 डॉक्टरों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदोन्नत करने की मंजूरी दे दी है. इन डॉक्टरों की पदोन्नति पांच वर्षों से अधिक समय से लंबित थी.
इनमें वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के पद पर पदोन्नति से संबंधित फाइल तब स्थानांतरित की गई, जब एलजी ने जोर देकर कहा कि सरकारी कर्मचारियों को जल्द से जल्द पदोन्नति दी जाए. लोकनायक अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पतास, दीप चंद बंधु अस्पताल और अरुणा आसफ अली सहित अन्य सरकारी अस्पताल व डायरेक्टरेट जनलर ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) कई सरकारी योजनाएं जैसे स्कूल स्वास्थ्य योजना और मोबाइल स्वास्थ्य योजना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
इस साल जनवरी में उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत 139 डॉक्टरों (गैर-शिक्षण विशेषज्ञों) को ग्रेड-II से ग्रेड-I में पदोन्नत करने को मंजूरी दी थी. चार वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद इन पात्र डॉक्टरों की पदोन्नति 2020-2021 से लंबित थी. पिछले महीने की शुरुआत में सक्सेना ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में 777 संविदा पैरा-मेडिकल कर्मचारियों की सेवाओं को एक जुलाई, 2023 से एक वर्ष के लिए, जब तक वे दिल्ली सबॉर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के माध्यम से खुली भर्ती के लिए आवेदन करने का एकमुश्त अवसर प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक सेवाओं के विस्तार को मंजूरी दे दी थी.
इसके साथ ही उपराज्यपाल ने पिछले दिनों दिल्ली स्वास्थ्य सेवा सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी (होम्योपैथी) नियम, 2016 के तहत आठ चिकित्सा अधिकारियों (होम्योपैथिक) और 23 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (एनएफएसजी) को मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (एसएजी) (होम्योपैथिक) में पदोन्नति देने को भी मंजूरी दे दी थी. पदोन्नति मिलने पर लोक नायक अस्पताल में उपचिकित्सा अधीक्षक डॉ. ऋतु सक्सेना ने एलजी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं उपराज्यपाल जल्द ही हमारी 2022 की लंबित पदोन्नति को भी जल्द मंजूरी देंगे.
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