ETV Bharat / state

कृष्णा शर्मा दामिनी ने गुलजार देहलवी के निधन पर दुख जताया - हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट

हिंदी की कवित्री कृष्णा शर्मा दामिनी ने कहा कि जब गुलजार देहलवी के निधन की खबर मिली हम ऑनलाइन मुशायरे में मौजूद थे. इस खबर को सुनने के बाद सभी के लिए खुद को संभाल पाना मुश्किल था. जब हमें खबर मिली तो बस दिल चाहा के हम उड़ कर उनके पास पहुंच जाएं.

Gulzar Dehalvi death
गुलजार देहलवी के निधन पर दुख जताया
author img

By

Published : Jun 13, 2020, 2:04 PM IST

नई दिल्ली: उर्दू के बड़े शायर पंडित आनंद मोहन जुत्शी के निधन पर हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट की महासचिव और हिंदी की कवित्री कृष्णा शर्मा दामिनी ने दुख का इजहार किया. उन्होंने कहा कि जब गुलजार देहलवी के निधन की खबर मिली हम ऑनलाइन मुशायरे में मौजूद थे. इस खबर को सुनने के बाद सभी के लिए खुद को संभाल पाना मुश्किल था. वो एक अजीम शख्सियत के मालिक थे. हिन्दू और उर्दू में उनका एक बड़ा मुकाम था.

गुलजार देहलवी की मौत पर दुख जताया

गुलजार देहलवी की गंगा-जमुनी तहजीब की विरासत


कृष्णा शर्मा दामिनी ने कहा कि जब हमें खबर मिली तो बस दिल चाहा के हम उड़ कर उनके पास पहुंच जाएं. गुलजार देहलवी गंगा-जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल थे. जब हम उनके घर जाते थे, तो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई कौन है ये पता नहीं चलता था. जिस मोहब्बत से वो सब से मिलते थे. वो तादेर याद रखा जाएगा. उनकी कमी हमेशा महसूस होगी.


कृष्णा शर्मा दामिनी ने कहा कि हमने उनकी शख्शियत से प्रभावित होकर हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट की स्थापना की थी. हमारी कोशिश होगी कि हम उनके नक्शे कदम पर चलते हुए गंगा जमुनी तहजीब को आगे लेकर जाए. उनके चले जाने से एक पूरे युग का अंत हो गया है. अब उनकी विरासत को संभालने की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ी की है.

नई दिल्ली: उर्दू के बड़े शायर पंडित आनंद मोहन जुत्शी के निधन पर हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट की महासचिव और हिंदी की कवित्री कृष्णा शर्मा दामिनी ने दुख का इजहार किया. उन्होंने कहा कि जब गुलजार देहलवी के निधन की खबर मिली हम ऑनलाइन मुशायरे में मौजूद थे. इस खबर को सुनने के बाद सभी के लिए खुद को संभाल पाना मुश्किल था. वो एक अजीम शख्सियत के मालिक थे. हिन्दू और उर्दू में उनका एक बड़ा मुकाम था.

गुलजार देहलवी की मौत पर दुख जताया

गुलजार देहलवी की गंगा-जमुनी तहजीब की विरासत


कृष्णा शर्मा दामिनी ने कहा कि जब हमें खबर मिली तो बस दिल चाहा के हम उड़ कर उनके पास पहुंच जाएं. गुलजार देहलवी गंगा-जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल थे. जब हम उनके घर जाते थे, तो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई कौन है ये पता नहीं चलता था. जिस मोहब्बत से वो सब से मिलते थे. वो तादेर याद रखा जाएगा. उनकी कमी हमेशा महसूस होगी.


कृष्णा शर्मा दामिनी ने कहा कि हमने उनकी शख्शियत से प्रभावित होकर हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट की स्थापना की थी. हमारी कोशिश होगी कि हम उनके नक्शे कदम पर चलते हुए गंगा जमुनी तहजीब को आगे लेकर जाए. उनके चले जाने से एक पूरे युग का अंत हो गया है. अब उनकी विरासत को संभालने की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ी की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.