नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. महर्षि पतंजलि ने 200 ईसा पूर्व योगसूत्र की रचना की थी. हिंदू धर्म में योग को शरीर को स्वस्थ रखने के साथ, ईश्वर से जुड़ने का माध्यम भी माना गया है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर और गौतम बुद्ध के काल में भी योग का स्थान बहुत अहम था. हाल के वर्षों में लोगों में योग को लेकर जागरूकता बढ़ी है. योग किसी खास धर्म या आस्था के संबंधित नहीं है, बल्कि यह मन और शरीर के बीच तालमेल स्थापित करने का सबसे सुगम माध्यम है.
कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन तंत्र का मजबूत होना बेहद जरूरी है. इसलिए आज हम आपको एक ऐसे ही आसन के बारे में बताएंगे, जिससे न सिर्फ पाचन तंत्र मजबूत होता है, बल्कि कमर और पैरों के दर्द से भी राहत मिलती है.
कैसे करें पगचालनासन
- सबसे पहले दाहिने पैर के ऊपर बाएं पैर को रखें.
- दाहिने पैर के अंगूठे और उसके बाद की उंगली के बीच बाएं पैर की एड़ी को फसाएं.
- इसके बाद कमर के बल लेट जाएं.
- दोनो हाथों की हथेलियों को जमीन पर रखें. हथेलियां जमीन पर इस तरह रखी हों कि पूरी हथेली जमीन को स्पर्श कर रही हो.
- दाहिने पैर के अंगूठे को धीरे धीरे बाईं ओर झुकाएं और जमीन पर अंगूठा लगाएं.
- इससे आपका शरीर ठीक उसी तरीके से स्ट्रेच होगा, जैसे कपड़े को निचोड़ा जाता है.
- फिर पैर की स्थिति को बदलें और बाएं पैर के ऊपर दाहिने पैर को रखें.
- इस आसन को पांच से दस बार करें. धीरे धीरे अभ्यास बढ़ा सकते हैं.
योग को विदेशों तक पहुंचाने में स्वामी विवेकानंद सहित कई योगाचार्यों की भूमिका रही है. योग के फायदों को समझने के बाद धीरे-धीरे दुनियाभर के देशों ने भारत के इस विज्ञान का लोहा मान चुके हैं और उसे अपना रहे हैं.
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