नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे में सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहते हैं. इस साल एकादशी का व्रत गुरुवार को रखा जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी का व्रत बेहद फलदाई होता है.
अध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, कामिका का अर्थ होता है कामनाओं को पूर्ण करने वाली. सावन के महीने की एकादशी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव का महीना होता है. ऐसे में इसका महत्व और बढ़ जाता है. इस एकादशी पर भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से समस्त प्रकार के दोष से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पूजा विधि: एकादशी के दिन प्रतकाल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु का पूजा करें. विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें.
कामिका एकादशी शुभ मुहूर्त:
- कामिका एकादशी प्रारंभ: 12 जुलाई (बुधवार) शाम 05:59 PM.
- कामिका एकादशी समाप्त: 13 जुलाई (गुरुवार), शाम 06:24 PM.
- कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान:
- कामिका एकादशी के दिन मास, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि ना लें.
- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
- हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. कामिका एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें.
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