नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर की टीम ने एक ऐसा थर्मामीटर बनाया है, जिसके जरिए तापमान में होने वाले बदलाव का बहुत ही कम समय में पता लगाया जा सकेगा. बता दें कि यह थर्मामीटर केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि फार्मेसी और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भी कारगर साबित होगा.
तापमान की मिलेगी सटीक जानकारी
अपनी उच्च संवेदनशीलता के कारण यह थर्मामीटर तापमान की सटीक जानकारी देने में सक्षम है. साथ ही इसका इस्तेमाल चुनौती पूर्ण वातावरण में भी सुचारू रूप से किया जा सकेगा. जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर की एक टीम ने अल्ट्रासेंसेटिव क्वांटम थर्मामीटर बनाया है.
300 मिली सेकेंड में मिलेगी जानकारी
थर्मामीटर की खासियत यह है कि यह तापमान में होने वाले बदलाव की सटीक जानकारी बहुत ही कम समय में दे सकता है. यह थर्मामीटर इतना संवेदनशील है कि 27 डिग्री सेल्सियस से 196 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में हुए बदलाव को भांपकर 300 मिली सेकंड के अंदर ही उसकी जानकारी दे सकता है.
बता दें कि इस थर्मामीटर को जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रोफेसर एस एस इस्लाम की अगुवाई में अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने बनाया है.
वहीं, थर्मामीटर की कार्यशैली को लेकर प्रोफेसर एस एस इस्लाम ने कहा कि इस थर्मामीटर की प्रतिक्रिया इतनी तीव्र है कि केवल 300 मिली सेकंड में ही यह तापमान में होने वाले बदलाव को रजिस्टर कर सकता है. साथ ही केवल 800 मिली सेकंड में यह अपने शुरुआती तापमान वैल्यू पर लौट जाता है.
प्रोफेसर इस्लाम ने बताया कि इस थर्मामीटर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह चुनौतीपूर्ण वातावरण जैसे कि लिविंग सेल या माइक्रोफ्लूडिक सर्किट आदि में भी इस्तेमाल किया जा सके. उन्होंने बताया कि यह उपकरण मिनिएचराइज्ड स्वरूप में है इसलिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम है.
प्रोफेसर ने बताया कि इस थर्मामीटर का प्रयोग केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि फार्मेसी और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भी किया जा सकेगा. इस थर्मामीटर के प्रयोग से डीजल की भी काफी बचत की जा सकती है. साथ ही कहा कि यह उपकरण क्राईजेनिक टेंपरेचर सेंसिंग में व्यापक एप्लीकेशन को भी खोजने की क्षमता रखता है. इसके अलावा हाई टेंपरेचर विंडो में भी यह बेहतरीन तरीके से काम करता है.