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25 साल का इंतजार खत्म, ग्रे लाइन मेट्रो के उद्घाटन पर भावुक हुए मंत्री-सांसद - gray line metro

मेट्रो उद्घाटन के मौके पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि नवरात्रि और दिवाली के मौके पर नजफगढ़ के गांव वासियों को ये बड़ा तोहफा मिला है. इस तोहफे के लिए ग्रामीण इलाके ने 25 साल का इंतजार किया है.

ग्रे लाइन मेट्रो के उद्घाटन पर भावुक हुए मंत्री-सांसद
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Published : Oct 4, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 3:23 PM IST

नई दिल्ली: साल 1995 में बनाई गई डीएमआरसी को ग्रामीण इलाके तक पहुंचने में लगभग 25 साल का समय लग गया. पहली बार मेट्रो गांव-देहात के इलाके में पहुंच गई है. इस मौके पर नजफगढ़ से विधायक और ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत और गांव-देहात से जुड़े सांसद प्रवेश वर्मा बेहद भावुक नजर आए. उन्होंने इस मौके पर बताया कि गांव तक मेट्रो को पहुंचाने के लिए उन्हें कितना प्रयास करना पड़ा और यह छोटी सी लाइन उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण लाइन है. इससे न सिर्फ दिल्ली के लाखों लोग बल्कि हरियाणा बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा.

ग्रे लाइन मेट्रो के उद्घाटन पर भावुक हुए मंत्री-सांसद

'गांव के लोगों ने 25 साल किया इंतजार'
मेट्रो उद्घाटन के मौके पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि नवरात्रि और दिवाली के मौके पर नजफगढ़ के गांव वासियों को ये बड़ा तोहफा मिला है. इस तोहफे के लिए ग्रामीण इलाके ने 25 साल का इंतजार किया है.

उन्होंने कहा कि साल 1995 में मेट्रो का आईडिया जब शुरू हुआ तो उनके पिताजी तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने ई. श्रीधरन को नियुक्त किया था. 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया और 1998 में मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.

प्रवेश वर्मा ने बताया कि 2002 में पहली बार मेट्रो का सफर शुरु हुआ था, लेकिन ग्रामीण इलाके मेट्रो नेटवर्क से दूर रहे. 25 साल तक ग्रामीण इलाके मेट्रो का इंतजार करते रहे. अब द्वारका से नजफगढ़ के बीच मेट्रो लाइन बन गई है, लेकिन यहां पर रहने वाली आबादी को पार करना अभी भी आसान नहीं है.

इसके लिए मेट्रो का ढांसा पहुंचना जरूरी है. उन्होंने कहा कि 2014 में सांसद बनने के बाद इसके लिए वह तत्कालीन शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिले. दिल्ली सरकार एवं केंद्र सरकार से मिलकर इसे पास करवाया. अब दिसंबर 2020 में डेढ़ किलोमीटर लंबी यह लाइन पूरी हो जाएगी, जिससे 40 गांव और 2.5 लाख लोगों को फायदा होगा. इससे ना केवल दिल्लीवासी बल्कि झज्जर और हरियाणा बॉर्डर पर रहने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे.

'नजफगढ़ निवासी होने के चलते खुशी'
ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आज मेट्रो पहुंची है जो उनके लिए खुशी का पल है. ट्रांसपोर्ट मंत्री होने के साथ ही वह नजफगढ़ के निवासी भी हैं. इसलिए आज उनके लिए दोहरी खुशी का दिन है. उन्होंने कहा यह भले ही एक छोटी सी लाइन हो लेकिन नजफगढ़ पहुंचने में डीएमआरसी को 21 साल का समय लग गया.

लोगों को जाम से मिलेगी मुक्ति
कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो के नजफगढ़ पहुंचने पर यहां रहने वाले लोगों की समस्या पूरी तरह से दूर नहीं होगी. घनी आबादी वाले क्षेत्र में बने मेन चौक पर 8 सड़कें जुड़ती हैं. यहां से निकलने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक का समय लग जाता है. दिल्ली गेट मेट्रो पहुंच गई है जिससे समस्या का आधा कांटा निकल गया है लेकिन पूरा कांटा उस दिन निकलेगा जब मेट्रो ढांसा पहुंच जाएगी. इसके बाद यहां पर लगने वाले जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने किया वादा पूरा
कैलाश गहलोत ने कहा कि साल 2015 में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से वादा किया था कि वो नजफगढ़ तक मेट्रो पहुंचाएंगे. सरकार बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया. उन्होंने बताया कि लगभग 50 गांव और 300 से ज्यादा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा.

नई दिल्ली: साल 1995 में बनाई गई डीएमआरसी को ग्रामीण इलाके तक पहुंचने में लगभग 25 साल का समय लग गया. पहली बार मेट्रो गांव-देहात के इलाके में पहुंच गई है. इस मौके पर नजफगढ़ से विधायक और ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत और गांव-देहात से जुड़े सांसद प्रवेश वर्मा बेहद भावुक नजर आए. उन्होंने इस मौके पर बताया कि गांव तक मेट्रो को पहुंचाने के लिए उन्हें कितना प्रयास करना पड़ा और यह छोटी सी लाइन उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण लाइन है. इससे न सिर्फ दिल्ली के लाखों लोग बल्कि हरियाणा बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा.

ग्रे लाइन मेट्रो के उद्घाटन पर भावुक हुए मंत्री-सांसद

'गांव के लोगों ने 25 साल किया इंतजार'
मेट्रो उद्घाटन के मौके पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि नवरात्रि और दिवाली के मौके पर नजफगढ़ के गांव वासियों को ये बड़ा तोहफा मिला है. इस तोहफे के लिए ग्रामीण इलाके ने 25 साल का इंतजार किया है.

उन्होंने कहा कि साल 1995 में मेट्रो का आईडिया जब शुरू हुआ तो उनके पिताजी तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने ई. श्रीधरन को नियुक्त किया था. 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया और 1998 में मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.

प्रवेश वर्मा ने बताया कि 2002 में पहली बार मेट्रो का सफर शुरु हुआ था, लेकिन ग्रामीण इलाके मेट्रो नेटवर्क से दूर रहे. 25 साल तक ग्रामीण इलाके मेट्रो का इंतजार करते रहे. अब द्वारका से नजफगढ़ के बीच मेट्रो लाइन बन गई है, लेकिन यहां पर रहने वाली आबादी को पार करना अभी भी आसान नहीं है.

इसके लिए मेट्रो का ढांसा पहुंचना जरूरी है. उन्होंने कहा कि 2014 में सांसद बनने के बाद इसके लिए वह तत्कालीन शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिले. दिल्ली सरकार एवं केंद्र सरकार से मिलकर इसे पास करवाया. अब दिसंबर 2020 में डेढ़ किलोमीटर लंबी यह लाइन पूरी हो जाएगी, जिससे 40 गांव और 2.5 लाख लोगों को फायदा होगा. इससे ना केवल दिल्लीवासी बल्कि झज्जर और हरियाणा बॉर्डर पर रहने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे.

'नजफगढ़ निवासी होने के चलते खुशी'
ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आज मेट्रो पहुंची है जो उनके लिए खुशी का पल है. ट्रांसपोर्ट मंत्री होने के साथ ही वह नजफगढ़ के निवासी भी हैं. इसलिए आज उनके लिए दोहरी खुशी का दिन है. उन्होंने कहा यह भले ही एक छोटी सी लाइन हो लेकिन नजफगढ़ पहुंचने में डीएमआरसी को 21 साल का समय लग गया.

लोगों को जाम से मिलेगी मुक्ति
कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो के नजफगढ़ पहुंचने पर यहां रहने वाले लोगों की समस्या पूरी तरह से दूर नहीं होगी. घनी आबादी वाले क्षेत्र में बने मेन चौक पर 8 सड़कें जुड़ती हैं. यहां से निकलने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक का समय लग जाता है. दिल्ली गेट मेट्रो पहुंच गई है जिससे समस्या का आधा कांटा निकल गया है लेकिन पूरा कांटा उस दिन निकलेगा जब मेट्रो ढांसा पहुंच जाएगी. इसके बाद यहां पर लगने वाले जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने किया वादा पूरा
कैलाश गहलोत ने कहा कि साल 2015 में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से वादा किया था कि वो नजफगढ़ तक मेट्रो पहुंचाएंगे. सरकार बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया. उन्होंने बताया कि लगभग 50 गांव और 300 से ज्यादा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा.

Intro:नई दिल्ली
वर्ष 1995 में बनाई गई डीएमआरसी को ग्रामीण इलाके तक पहुंचने में लगभग 25 साल का समय लग गया. पहली बार मेट्रो गांव-देहात के इलाके में पहुंच गई है. इस मौके पर नजफगढ़ से विधायक एवं ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत और गांव-देहात से जुड़े सांसद प्रवेश वर्मा बेहद भावुक नजर आए. उन्होंने इस मौके पर बताया कि गांव तक मेट्रो को पहुंचाने के लिए उन्हें कितना प्रयास करना पड़ा और यह छोटी सी लाइन उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण लाइन है. इससे न केवल दिल्ली के लाखों लोग बल्कि हरियाणा बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा.


Body:मेट्रो उद्घाटन के मौके पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि नवरात्रि एवं दिवाली के मौके पर नजफगढ़ के गांववासियों को यह बड़ा तोहफा मिला है. इस तोहफे के लिए ग्रामीण इलाके ने 25 साल का इंतजार किया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 में मेट्रो का आईडिया जब शुरू हुआ तो उनके पिताजी तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने ई. श्रीधरन को नियुक्त किया था. 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया और 1998 में मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.


25 साल का इंतजार हुआ खत्म
प्रवेश वर्मा ने बताया कि 2002 में पहली बार मेट्रो का सफर शुरु हुआ था, लेकिन ग्रामीण इलाके मेट्रो नेटवर्क से दूर रहे. 25 साल तक ग्रामीण इलाके मेट्रो का इंतजार करते रहे. अब द्वारका से नजफगढ़ के बीच मेट्रो लाइन बन गई है, लेकिन यहां पर रहने वाली आबादी को पार करना अभी भी आसान नहीं है. इसके लिए मेट्रो का ढांसा पहुंचना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि 2014 में सांसद बनने के बाद इसके लिए वह तत्कालीन शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिले. दिल्ली सरकार एवं केंद्र सरकार से मिलकर इसे पास करवाया. अब दिसंबर 2020 में डेढ़ किलोमीटर लंबी यह लाइन पूरी हो जाएगी, जिससे 40 गांव और 2.5 लाख लोगों को फायदा होगा. इससे ना केवल दिल्लीवासी बल्कि झज्जर और हरियाणा बॉर्डर पर रहने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे.


नजफगढ़ निवासी होने के चलते खुशी
ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आज मेट्रो पहुंची है जो उनके लिए खुशी का पल है. ट्रांसपोर्ट मंत्री होने के साथ ही वह नजफगढ़ के निवासी भी हैं. इसलिए आज उनके लिए दोहरी खुशी का दिन है. उन्होंने कहा यह भले ही एक छोटी सी लाइन हो लेकिन नजफगढ़ पहुंचने में डीएमआरसी को 21 साल का समय लग गया.


आधा कांटा निकला आधा रह गया बांकि
कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो के नजफगढ़ पहुंचने पर यहां रहने वाले लोगों की समस्या पूरी तरह से दूर नहीं होगी. घनी आबादी वाले क्षेत्र में बने मेन चौक पर 8 सड़कें जुड़ती हैं. यहां से निकलने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक का समय लग जाता है. दिल्ली गेट मेट्रो पहुंच गई है जिससे समस्या का आधा कांटा निकल गया है लेकिन पूरा कांटा उस दिन निकलेगा जब मेट्रो ढांसा पहुंच जाएगी. इसके बाद यहां पर लगने वाले जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी.





Conclusion:मुख्यमंत्री ने किया वादा पूरा
कैलाश गहलोत ने कहा कि वर्ष 2015 में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से वादा किया था कि वह नजफगढ़ तक मेट्रो पहुंचाएंगे. सरकार बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया. उन्होंने बताया कि लगभग 50 गांव और 300 से ज्यादा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा.
Last Updated : Oct 5, 2019, 3:23 PM IST
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