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पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले की सुनवाई टली - अंशु प्रकाश के साथ मारपीट

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है. अब इस मामले में आठ फरवरी को सुनवाई होगी.

अंशु प्रकाश
अंशु प्रकाश
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Published : Jan 28, 2022, 6:52 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 8 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.


आज सुनवाई के दौरान अंशु प्रकाश की ओर से कहा गया कि अरविंद केजरीवाल समेत 11 आप विधायकों को बरी करने के फैसले को उन्होंने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है. सेशंस कोर्ट में 29 जनवरी को सुनवाई होने वाली है. उसके बाद कोर्ट ने 8 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

11 अगस्त 2021 को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- प्रदर्शन स्थल पर बांग्लादेशी महिलाओं को बुलाने से उमर खालिद ने इनकार किया


इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.


आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 8 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.


आज सुनवाई के दौरान अंशु प्रकाश की ओर से कहा गया कि अरविंद केजरीवाल समेत 11 आप विधायकों को बरी करने के फैसले को उन्होंने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है. सेशंस कोर्ट में 29 जनवरी को सुनवाई होने वाली है. उसके बाद कोर्ट ने 8 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.

11 अगस्त 2021 को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

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इस मामले में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.


आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

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