नई दिल्ली: कश्मीर के आईएएस टॉपर रहे शाह फैसल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई टल गई है. पिछले 14 अगस्त को विदेश जाने के क्रम में दिल्ली एयरपोर्ट पर शाह फैसल को हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिए जाने के खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई 3 सितंबर तक के लिए टाल दी है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम मामले में दलीलें दे रहे थे और हाईकोर्ट में सुनवाई के समय उपलब्ध नहीं थे जिसके बाद कोर्ट ने 3 सितंबर तक के लिए सुनवाई टालने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान फैसल के वकीलों ने मांग की कि उनके बेटे और माता-पिता को उनसे मिलने दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि फैसल की पत्नी, पुत्र और अभिभावक उनसे मिल सकते हैं, लेकिन एक साथ नहीं. केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि वो यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार फैसल से मिल सकें.
शाह फैसल ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. पिछले 19 अगस्त को कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.
इस्तांबुल जाने से पहले शाह फैसल को रोका गया
शाह फैसल 14 अगस्त को इस्तांबुल जाने वाले थे. उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लेकर श्रीनगर वापस भेज दिया गया. श्रीनगर में उन्हें घर पर नजरबंद रखा गया है. शाह फैसल ने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति की शुरुआत की. वे जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष हैं. केंद्र की ओर से कश्मीर में धारा 370 हटाने का शाह फैसल ने विरोध किया था.