नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने गंगा राम अस्पताल के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग पर आज सुनवाई टाल दी है. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 18 सितंबर को करने का आदेश दिया. इसके पहले हाईकोर्ट ने गंगाराम अस्पताल के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर जांच और कार्रवाई दोनों पर रोक लगा चुकी है.
हाईकोर्ट ने पिछले 22 जून को एफआईआर पर जांच और कार्रवाई दोनों पर रोक लगाने का आदेश दिया था. पिछले 15 जून को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान गंगाराम अस्पताल ने एफआईआर पर जांच रोकने की मांग की.
अस्पताल की ओर से वकील रोहित अग्रवाल ने कहा था कि एफआईआर भ्रमित करनेवाला है और इसमें इसका कहीं से ये खुलासा नहीं होता है कि अस्पताल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 का उल्लंघन किया है. एफआईआर में ये कहीं नहीं बताया गया है कि अस्पताल ने कैसे आदेशों का पालन नहीं किया है.
कोरोना पर दिशानिर्देश का उल्लंघन करने का आरोप
अस्पताल के खिलाफ कोरोना मामले में लापरवाही के आरोप में 3 जून को एफआईआर दर्ज किया गया था. दिल्ली सरकार ने महामारी रोग अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में गंगाराम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. अस्पताल के खिलाफ कोरोना को लेकर जारी किए गए दिशानिर्देश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था.
बेड की कालाबाजारी का आरोप
अस्पताल पर कोरोना के टेस्टिंग ऐप का इस्तेमाल नहीं करने का आरोप है. एफआईआर में कहा गया है कि अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना और केवल आरटी पीसीआर ऐप के जरिये सैंपल एकत्र करना अनिवार्य था. गंगा राम अस्पताल ने सैंपल एकत्र करने के लिए आरटी पीसीआर ऐप का उपयोग नहीं किया. अस्पताल पर आरोप है कि उसने अपनी क्षमता के मुताबिक लोगों को सुविधाएं नहीं दे रहा है. अस्पताल पर कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं करने और बेड की कालाबाजारी का आरोप है.