नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग को दिल्ली हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों के खर्च के खुलासे से संबंधित निर्देश दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि वो इस बात का हलफनामा दायर करे कि दलों के खर्च के खुलासे से संबंधित उसके पास कौन-कौन से अधिकार हैं.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग को आखिरी मौका देते हुए कहा कि अगर आपने इसके संबंध में हलफनामा दायर नहीं किया तो हम आदेश पारित करेंगे. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
ADR ने दायर की याचिका
कोर्ट ने हलफनामा देने के लिए फरवरी में ही निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था. याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल इनकम टैक्स फाइल नहीं करते, लेकिन इनकम टैक्स की छूट का दावा करते हैं.
'गैर-कानूनी तरीके से कॉरपोरेट सेक्टर से मिलता है चंदा'
याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को गैर-कानूनी तरीके से कॉरपोरेट सेक्टर से चंदा मिलता है, कॉरपोरेट सेक्टर निजी स्वार्थ की वजह से चंदा देते हैं और राजनीतिक दलों से अपना हित पूरा करवाते हैं.
कोर्ट ने पूछे ये सवाल
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि क्या वो राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शक्तिहीन है?
आखिर राजनीतिक दल फंडिंग और खर्च के विवरण का खुलासा करने के उसके दिशा निर्देशों का पालन क्यों नहीं करते हैं?