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Internship issue: एफएमजी छात्रों की फिर बढ़ीं मुश्किलें, दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए सिर्फ 11 सीटें

एफएमजी छात्रों की फिर मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गई हैं, क्योंकि दिल्ली में उनके लिए इंटर्नशिप के लिए सिर्फ 11 सीटें बची है. इससे पहले उनके लिए दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए 42 सीटें उपलब्ध कराई गई थीं.

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Published : May 3, 2023, 11:06 AM IST

नई दिल्ली: विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई करके आए मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. छात्रों को अभी तक इंटर्नशिप के लिए भटकना पड़ रहा है. दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए भटक रहे छात्रों की संख्या 2000 से ज्यादा है. अभी तक उनके लिए दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए 42 सीट बताई गई थीं, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर मात्र 11 रह गई है.

डीएमसी के सचिव ने मंत्री मनसुख मांडविया को लिखा पत्र: इसका कारण यह है कि वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज व सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंगे मेडिकल कॉलेज ने अब इन छात्रों को इंटर्नशिप कराने से इनकार कर दिया है. दोनों कॉलेजों का कहना है कि इन छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए उनके पास सीटें नहीं हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के सचिव डॉक्टर गिरीश त्यागी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है. साथ ही मामले का हल निकालने की अपील की है.

एनएमसी ने 339 सीटें उपलब्ध होने की दी सूचना: पत्र में डॉक्टर त्यागी ने स्वास्थ्य मंत्री से एफएमजी को इंटर्नशिप कराने की अनुमति देने की मांग की है. त्यागी ने पत्र में आगे लिखा कि 24 फरवरी को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने अपने पत्र में दिल्ली में एफएमजी के लिए 339 सीटें उपलब्ध होने की जानकारी दी थी. ये सीटें दिल्ली के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बताई गईं थीं. साथ ही पांच-एक के अनुपात में दिल्ली के निवासी और दूसरे राज्य के निवासी छात्रों को इंटर्नशिप कारने का प्रावधान किया गया था. पहले डीएमसी को चार मेडिकल कालेजों ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को इंटर्नशिप कराने की जानकारी दी थी.

एनएमसी का प्रयोग बढ़ाने से परेशानी शुरू: डीएमसी के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने कहा कि एफएमजी छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए पूरा सिस्टम जैसे-तैसे चल रहा है, लेकिन जब से एनएमसी का प्रयोग बढ़ा है, तब से इस तरह की दिक्कतें हो रही हैं. निजी मेडिकल कॉलेज में, जहां पर डीएनबी का कोर्स होता है. उन कॉलेजों के पास पहले इंटर्नशिप कराने की अनुमति होती थी, लेकिन, एनएमसी ने प्राइवेट कॉलेजों में इंटर्नशिप बंद कर दी है. इससे सीटों की संख्या कम हो गई है. अब एनएमसी ने फिर से इंटर्नशिप का आदेश दिया है, जबकि कॉलेज का कहना है कि नवंबर में बैच शुरू हुआ है और साल में एक ही बैच हो सकता है. हमने कोटे के तहत पहले ही सीटें आवंटित कर दी हैं. अब सीट नहीं हैं.

ये भी पढ़ें: The Kerala Story: विरोध के बीच फिल्म 'द केरला स्टोरी' की JNU कैंपस में स्क्रीनिंग, 5 मई को होगी रिलीज

नई दिल्ली: विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई करके आए मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. छात्रों को अभी तक इंटर्नशिप के लिए भटकना पड़ रहा है. दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए भटक रहे छात्रों की संख्या 2000 से ज्यादा है. अभी तक उनके लिए दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए 42 सीट बताई गई थीं, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर मात्र 11 रह गई है.

डीएमसी के सचिव ने मंत्री मनसुख मांडविया को लिखा पत्र: इसका कारण यह है कि वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज व सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंगे मेडिकल कॉलेज ने अब इन छात्रों को इंटर्नशिप कराने से इनकार कर दिया है. दोनों कॉलेजों का कहना है कि इन छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए उनके पास सीटें नहीं हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के सचिव डॉक्टर गिरीश त्यागी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है. साथ ही मामले का हल निकालने की अपील की है.

एनएमसी ने 339 सीटें उपलब्ध होने की दी सूचना: पत्र में डॉक्टर त्यागी ने स्वास्थ्य मंत्री से एफएमजी को इंटर्नशिप कराने की अनुमति देने की मांग की है. त्यागी ने पत्र में आगे लिखा कि 24 फरवरी को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने अपने पत्र में दिल्ली में एफएमजी के लिए 339 सीटें उपलब्ध होने की जानकारी दी थी. ये सीटें दिल्ली के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बताई गईं थीं. साथ ही पांच-एक के अनुपात में दिल्ली के निवासी और दूसरे राज्य के निवासी छात्रों को इंटर्नशिप कारने का प्रावधान किया गया था. पहले डीएमसी को चार मेडिकल कालेजों ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को इंटर्नशिप कराने की जानकारी दी थी.

एनएमसी का प्रयोग बढ़ाने से परेशानी शुरू: डीएमसी के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने कहा कि एफएमजी छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए पूरा सिस्टम जैसे-तैसे चल रहा है, लेकिन जब से एनएमसी का प्रयोग बढ़ा है, तब से इस तरह की दिक्कतें हो रही हैं. निजी मेडिकल कॉलेज में, जहां पर डीएनबी का कोर्स होता है. उन कॉलेजों के पास पहले इंटर्नशिप कराने की अनुमति होती थी, लेकिन, एनएमसी ने प्राइवेट कॉलेजों में इंटर्नशिप बंद कर दी है. इससे सीटों की संख्या कम हो गई है. अब एनएमसी ने फिर से इंटर्नशिप का आदेश दिया है, जबकि कॉलेज का कहना है कि नवंबर में बैच शुरू हुआ है और साल में एक ही बैच हो सकता है. हमने कोटे के तहत पहले ही सीटें आवंटित कर दी हैं. अब सीट नहीं हैं.

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