नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के इंदिरापुरम स्थित शिप्रा सनसिटी के सेंट्रल पार्क में बोंगोतारों द्वारा शेड्स आफ क्ले की थीम पर दुर्गा पूजा पंडाल तैयार किया गया है. दुर्गा पूजा पंडाल को तैयार करने में सभी सामान बंगाल से मंगाया गया है. साथ ही बंगाल के कारीगरों ने इसे तैयार किया है और यह पंडाल बंगाल की संस्कृति को दर्शाता है.
बोंगोतोरु के अध्यक्ष प्रणव घोष बताते हैं कि पंडाल को बंगाल के 19 कारीगरों ने तीन हफ्तों में पूरा किया हैं. कच्चा माल पश्चिम बंगाल के बीरभूम, पुरुलिया और हुगली जिले से लाया गया है. सजावट के लिए उपयोग किए गए वस्तुओं में बांस का काम, मिट्टी के खिलौने और हैंडलूम शामिल हैं जो थीम को बहुत सूक्ष्म तरीके से व्यक्त कर रहे हैं. ये सजावट समृद्ध और जीवंत शिल्प कौशल को उजागर करती है. बोंगोतोरु इसे एक बड़े मंच पर ला रहा है, जहां हमारी अगली पीढ़ी और समुदाय इन उत्कृष्ट कलाकृतियों का अनुभव कर सकते हैं जो कभी हमारे पैतृक घरों की शोभा बढ़ाते थे.
बोंगोतोरु की मीडिया प्रभारी डॉ. अरुणिमा सिंघल के मुताबिक मां दुर्गा की मूर्ति के पोशाक और सजावट सादगी का प्रतीक है. यहां मां दुर्गा के नौ रूपों या अभिव्यक्तियों को दर्शाया गया है. NABA DURGA शक्ति, ताकत, सुरक्षा, ज्ञान, धन समृद्धि और मोक्ष की प्रतीक है. बोंगोतोरु के उपाध्यक्ष अमिताभ मजमूदार बताते हैं कि बोंगोतोरु शब्द अपने अंदर अपना अर्थ समाहित किए हुए है. "बोंगो" का अर्थ है बंगाल का क्षेत्र और "तोरु" का अर्थ है एक पेड़. बंगाल से अलग हुए सैकड़ों बंगालियों के लिए बोंगोतोरु वह पेड़, छाया और बंधन की डोर है, जो दिल्ली एनसीआर में बंगलियाना को बांधता है. बोंगोतोरु बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रचार प्रसार और उसे मजबूत करने पर काम कर रहे हैं.