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Delhi Road Accidents: राजधानी में नाइट में ड्राइविंग खतरनाक! 5 साल में सबसे अधिक सड़क हादसे रात में ही

राजधानी दिल्ली में रात में ड्राइविंग करना खतरनाक है. बीते 5 साल के आंकड़ों से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आधे से ज्यादा हादसे रात में ही हुए हैं. इसको कंट्रोल करने के लिए दिल्ली पुलिस ने रात में अधिक यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है.

यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे
यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे
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Published : Aug 3, 2023, 4:46 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 8:46 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यातायात सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में रात में अधिक यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है. दरअसल, सड़क हादसों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पुलिस को पता चला कि दिन की तुलना में रात में अधिक सड़क हादसे होते हैं. पिछले 5 सालों में दिल्ली में होने वाले कुल सड़क हादसों में से 55% हादसे रात में हुए हैं.

रात में होने वाले हादसे इतने घातक होते हैं कि लोगों की जान चली जाती है. इन आंकड़ों के आधार पर यातायात पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि रात में लोग यातायात नियमों का उल्लंघन ज्यादा करते हैं. वाहन चालक ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से ये हादसे होते हैं.

इसलिए होती है परेशानी: यातायात पुलिस के अधिकारी का कहना है कि दिन में भारी ट्रैफिक होने के बावजूद सड़क हादसों की संख्या कम होती है. हादसे होते भी हैं तो उसमें लोगों की जान नहीं जाती है. जबकि रात में दिन की तुलना में ट्रैफिक काफी कम होता है उसके बावजूद सड़क हादसे ज्यादा होते हैं. इसका कारण यह है कि दिन में सड़कों पर यातायात पुलिस की तैनाती रहती है जिस कारण लोग नियमों का पालन करते हैं. वहीं, रात को सड़कों पर पुलिसकर्मियों की संख्या न के बराबर होती है इससे लोगों में कार्रवाई का डर नहीं रहता है और यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं जिससे हादसे होते हैं.

यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे
यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे

"दिल्ली पुलिस सड़क हादसे को रोकने की कवायद कर रही है. जहां पर बार-बार हादसे हो रहे हैं, उन पॉइंट्स पर पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी. साथ ही लोगों को यातायात के प्रति जागरूक भी किया जाएगा."

एसएस यादव, विशेष आयुक्त, दिल्ली यातायात पुलिस

पुलिस चला रही जागरुकता अभियान: यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त एसएस यादव के अनुसार, लोगों को सड़क हादसे से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने जागरुकता अभियान भी चला रखा है. साथ ही पुलिस लापरवाह ड्राइविंग करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है. सड़क हादसों को रोकने के लिए विभिन्न पॉइंट्स से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार उन पॉइंट्स पर पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी. जहां पर बार-बार हादसे होते हैं. यातायात पुलिस ने आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद हाल ही में इस पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हादसों के कारण बताए हैं.

रात में हादसों के कारण

  1. रात में सड़कों पर यातायात का दबाव कम होता है इसलिए लोग ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाते हैं
  2. ज्यादातर रेड लाइट बंद कर दिए जाते हैं और सिर्फ ब्लिंकर्स चलते हैं इसलिए लोग चौराहों पर गाड़ी धीमी नहीं करते हैं
  3. रात में सड़क पर पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम होती है, इसलिए लोगों में कार्रवाई का डर नहीं रहता
  4. कई जगह रात में पर्याप्त रोशनी न होने से हादसे होते हैं
  5. रात में लोग शराब पीकर भी गाड़ी चलाते हैं जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है

यह करने की जरूरत

  1. सड़क की डिजाइन में सुधार की जरूरत
  2. यातायात प्रबंधन, ड्राइवरों और यात्रियों के व्यवहार में सुधार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना
  3. हाई रिस्क वाले क्षेत्रों ट्रैफिक डिजाइन सुधारने की जरूरत
  4. पैदल यात्री और साइकिल चालकों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना
  5. यातायात नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करना

ये भी पढ़ें: Traffic Rules: रात में होता है जमकर उल्लंघन, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने किए 978 चालान

ये भी पढ़ें: Ghaziabad Road Accident: बच सकती थी पूरे परिवार की जान, गलत दिशा में 8 किमी तक दौड़ती रही मौत की बस

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यातायात सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में रात में अधिक यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है. दरअसल, सड़क हादसों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पुलिस को पता चला कि दिन की तुलना में रात में अधिक सड़क हादसे होते हैं. पिछले 5 सालों में दिल्ली में होने वाले कुल सड़क हादसों में से 55% हादसे रात में हुए हैं.

रात में होने वाले हादसे इतने घातक होते हैं कि लोगों की जान चली जाती है. इन आंकड़ों के आधार पर यातायात पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि रात में लोग यातायात नियमों का उल्लंघन ज्यादा करते हैं. वाहन चालक ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से ये हादसे होते हैं.

इसलिए होती है परेशानी: यातायात पुलिस के अधिकारी का कहना है कि दिन में भारी ट्रैफिक होने के बावजूद सड़क हादसों की संख्या कम होती है. हादसे होते भी हैं तो उसमें लोगों की जान नहीं जाती है. जबकि रात में दिन की तुलना में ट्रैफिक काफी कम होता है उसके बावजूद सड़क हादसे ज्यादा होते हैं. इसका कारण यह है कि दिन में सड़कों पर यातायात पुलिस की तैनाती रहती है जिस कारण लोग नियमों का पालन करते हैं. वहीं, रात को सड़कों पर पुलिसकर्मियों की संख्या न के बराबर होती है इससे लोगों में कार्रवाई का डर नहीं रहता है और यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं जिससे हादसे होते हैं.

यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे
यातायात कम होने के बावजूद रात में अधिक हादसे

"दिल्ली पुलिस सड़क हादसे को रोकने की कवायद कर रही है. जहां पर बार-बार हादसे हो रहे हैं, उन पॉइंट्स पर पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी. साथ ही लोगों को यातायात के प्रति जागरूक भी किया जाएगा."

एसएस यादव, विशेष आयुक्त, दिल्ली यातायात पुलिस

पुलिस चला रही जागरुकता अभियान: यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त एसएस यादव के अनुसार, लोगों को सड़क हादसे से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने जागरुकता अभियान भी चला रखा है. साथ ही पुलिस लापरवाह ड्राइविंग करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है. सड़क हादसों को रोकने के लिए विभिन्न पॉइंट्स से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार उन पॉइंट्स पर पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी. जहां पर बार-बार हादसे होते हैं. यातायात पुलिस ने आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद हाल ही में इस पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हादसों के कारण बताए हैं.

रात में हादसों के कारण

  1. रात में सड़कों पर यातायात का दबाव कम होता है इसलिए लोग ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाते हैं
  2. ज्यादातर रेड लाइट बंद कर दिए जाते हैं और सिर्फ ब्लिंकर्स चलते हैं इसलिए लोग चौराहों पर गाड़ी धीमी नहीं करते हैं
  3. रात में सड़क पर पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम होती है, इसलिए लोगों में कार्रवाई का डर नहीं रहता
  4. कई जगह रात में पर्याप्त रोशनी न होने से हादसे होते हैं
  5. रात में लोग शराब पीकर भी गाड़ी चलाते हैं जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है

यह करने की जरूरत

  1. सड़क की डिजाइन में सुधार की जरूरत
  2. यातायात प्रबंधन, ड्राइवरों और यात्रियों के व्यवहार में सुधार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना
  3. हाई रिस्क वाले क्षेत्रों ट्रैफिक डिजाइन सुधारने की जरूरत
  4. पैदल यात्री और साइकिल चालकों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना
  5. यातायात नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करना

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Last Updated : Aug 3, 2023, 8:46 PM IST
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