नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता देवांगन कलीता की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने वकीलों से बात करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद 3 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया.
अपने वकील से बात करने की अनुमति मांगी
सुनवाई के दौरान देवांगन कलीता की ओर से वकील अदीत पुजारी ने कोर्ट से कहा कि इस मामले की दूसरी सह-अभियुक्त नताशा नरवाल की ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए निस्तारित किया था. नरवाल की याचिका पर तिहाड़ जेल ने उसकी बहुत सारी मांगों को स्वीकार कर लिया था.
याचिका में मांग की गई है कि कलीता को जेल में अपने वकीलों से एक हफ्ते में दो बार तीस मिनट के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की अनुमति दी जाए. याचिका में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान हेडफोन का इस्तेमाल करने और स्क्रीन शेयरिंग की अनुमति दी जाए. कलीता ने अपनी याचिका में तिहाड़ जेल से पढ़ने के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग की है.
नताशा नरवाल की कई मांगें मानी थी तिहाड़ जेल ने
पिछले 24 जून को कलीता की सह-अभियुक्त नताशा नरवाल की याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने 24 जून से ये सुविधा फिर से बहाल कर दी गई थी. नताशा नरवाल को 13 पुस्तकें और दो रजिस्टर भी उपलब्ध कराए गए हैं. नताशा नरवाल और देवांगन कलीता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाया था. बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे.