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कोर्ट ने सतीश बाबू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा - etv bharat

राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार सतीश साना की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

कोर्ट ने सतीश बाबू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा,etv bharat
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Published : Aug 18, 2019, 12:46 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार सतीश साना बाबू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने 19 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान ईडी ने सतीश साना बाबू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 60 में से 20 दिन बीत गए हैं और हमें चार्जशीट भी दाखिल करना है. हमें समय दिया जाए ताकि हम चार्जशीट दाखिल कर सकें. ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया.

ईडी ने कहा कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है. उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है.

सतीश साना के वकीलों ने कोर्ट में कहा
सतीश साना बाबू की ओर से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है. सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया जिसमें हमें गवाह बनाया गया. क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं.

'सतीश साना से की गई थी रिश्वत की मांग'
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 9 अगस्त को ही सतीश साना ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी. पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था. पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था. बता दें कि ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. सतीश साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. सतीश साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

दुबई का कारोबारी है सतीश साना
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद, सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. सतीश साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है.

नई दिल्ली: राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार सतीश साना बाबू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने 19 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान ईडी ने सतीश साना बाबू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 60 में से 20 दिन बीत गए हैं और हमें चार्जशीट भी दाखिल करना है. हमें समय दिया जाए ताकि हम चार्जशीट दाखिल कर सकें. ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया.

ईडी ने कहा कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है. उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है.

सतीश साना के वकीलों ने कोर्ट में कहा
सतीश साना बाबू की ओर से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है. सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया जिसमें हमें गवाह बनाया गया. क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं.

'सतीश साना से की गई थी रिश्वत की मांग'
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 9 अगस्त को ही सतीश साना ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी. पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था. पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था. बता दें कि ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. सतीश साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. सतीश साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

दुबई का कारोबारी है सतीश साना
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद, सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. सतीश साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार सतीश साना बाबू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने 19 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया।



Body:सुनवाई के दौरान ईडी ने सतीश साना बाबू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 60 में से 20 दिन बीत गए हैं और हमें चार्जशीट भी दाखिल करना है। हमें समय दिया जाए ताकि हम चार्जशीट दाखिल कर सकें। ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया। ईडी ने कहा कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है। उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है।
सतीश साना बाबू की ओर से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है। सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया जिसमें हमें गवाह बनाया गया। क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 9 अगस्त को ही सतीश साना बाबू ने अपनी जमानत याचिका दायर की थी। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने 9 अगस्त तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था। पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 1 अगस्त तक की ईडी की हिरासत में भेजा था । ईडी ने उसे 26 जुलाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है। साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी। 



Conclusion:एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया । साना दुबई का कारोबारी है। सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है। कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है।
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था।10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई। सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था।
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