नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ जेल में हुई गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या मामले में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी. पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत चार्जशीट दाखिल की है. पटियाला हाउस कोर्ट की चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया की अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की है. चार्जशीट में तीन कैदियों ने गवाह के रूप में अपने बयान दर्ज कराए हैं. इससे पहले दो मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की तिहाड़ जेल में सूए से गोदकर हत्या कर दी गई थी. इसमें आरोपित योगेश उर्फ टुंडा, दीपक दास उर्फ तीतर, रियाज खान, राजेश कर्मवीर, विनोद उर्फ चवन्नी और अताउर रहमान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को इन सभी आरोपियों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए थे. यह सभी बदमाश जितेंद्र उर्फ गोगी गैंग के बताए जाते हैं. पुलिस जांच में सामने आया कि इन्होंने रोहिणी कोर्ट में की गई गोगी की हत्या का बदला लेने के लिए टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की थी. टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कोर्ट ने भी इसपर नाराजगी व्यक्त की थी. टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद भी सुरक्षाकर्मियों के सामने आरोपियों ने उसपर चाकू से हमला किया था. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था, जिसको बहुत ही जघन्य माना गया था.
हुआ ये खुलासा: हत्यारों ने खुद खुलासा किया था कि 22 अप्रैल को जब टिल्लू को तिहाड़ जेल संख्या आठ में लाया गया था, तभी से उन्होंने उसकी हत्या की साजिश रचना शुरू कर दिया था. हत्यारों का सेल टिल्लू के सेल के ऊपर था और टिल्लू के जेल में आते ही सभी हत्यारे उसकी रेकी करने लगे. हत्यारों ने सबसे पहले इस बात का पता लगाया कि टिल्लू कब अपने सेल से बाहर आता है और वे उसके पास कैसे पहुंच सकते हैं. रेकी करने पर पता चला कि सुबह जब सेल खोला जाता है तभी उसपर हमला किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए उनको जेल से निकलने का तरीका ढूंढना था. रियाज जेल के बाहर वेल्डिंग का काम करता था और उसने पहले भी जेल की सलाखों को तोड़ा था. इसलिए इस काम पर रियाज को लगाया गया था, ताकि सेल का गेट खुलने से पहले वे बाहर निकल कर टिल्लू तक पहुंच सके.
एग्जॉस्ट फैन की क्लैंप से बनाए धारदार हथियार: घटना में दीपक तीतर और योगेश टुंडा ने नए बैरक में लगे एक एग्जॉस्ट फैन को खोला और उसके चार क्लैंप निकाले. इनको धारदार हथियार बनाने के लिए उन्होंने वॉशरूम से एक टाइल्स निकाला, जिसके खुरदरे साइड पर क्लैंप को घिसना शुरू किया. हत्यारों ने बताया कि उनकी साजिश का किसी को पता न चले, इसलिए करीब रात 11 बजे से उन लोगों ने यह काम शुरू किया. करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद उन लोगों ने हत्या के लिए हथियार तैयार कर लिए. सुबह छह बजे जेलकर्मियों ने सेल को खोलना शुरू किया. उससे पहले ही सभी हत्यारे बाहर आ चुके थे. जैसे ही टिल्लू ताजपुरिया अपनी सेल से निकलकर बाहर आया, हत्यारों ने उस पर हमला कर दिया.