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Fortuner Car jacking Gang: फॉर्च्यूनर कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दिल्ली पुलिस ने 6 आरोपियों को पकड़ा

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Published : Mar 28, 2023, 7:56 PM IST

राजधानी दिल्ली में द्वारका जिला के स्पेशल स्टाफ की टीम ने कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो केवल फॉर्च्यूनर कार लूटता था. फिलहाल पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है.

फॉर्च्यूनर कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
फॉर्च्यूनर कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
फॉर्च्यूनर कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के द्वारका जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम ने 6 ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो केवल फार्च्यूनर गाड़ी ही लूटते थे. पुलिस ने इनसे गाड़ी लेने वाले दो रिसीवर को भी जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों से चार फार्च्यूनर गाड़ी और 32 बोर की 2 पिस्तौल, 4 कट्टा, 12 कारतूस और एक आई -20 कार बरामद की है.

द्वारका जिले के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि 17 मार्च को थाना द्वारका साउथ में एक फार्च्यूनर गाड़ी की जैकिंग की सूचना मिली थी. जांच कर रहे स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि आरोपी वारदात के लिए आई-20 कार का इस्तेमाल कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में तीन लाख में बेचते थे गाड़ी: सख्ती से पूछताछ में आरोपियों ने बताया को दिल्ली से लूटने के बाद ये लोग गाड़ियों को जम्मू-कश्मीर में रिसीवर अशरफ और रमेश को तीन लाख रुपए में बेच देते थे. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने अशरफ और रमेश को भी गिरफ्तार कर लिया है. आगे पूछताछ में पता चला कि गिरोह का संचालन विक्रम, विक्की, अर्जुन और रोहित के साथ करता था जो दिल्ली-एनसीआर से कारों को लूटता था.

चुराना संभव नहीं था इसलिए लूटते थे गाडियां: हाई सिक्योरिटी और कई सेफ्टी फीचर के कारण फॉर्च्यूनर गाड़ी चुराना संभव नहीं था, इसलिए गिरोह के बदमाश इन गाड़ियों को लूटते थे. ये लोग रास्ते में फॉर्च्यूनर चालकों से किसी बहाने लिफ्ट मांगते थे. फिर मौका देखकर रास्ते में ही गाड़ी के चालक को बंधक बना लेते थे. चालक का मोबाइल छीनकर फेंक देते थे. इसके बाद हाथ पैर बांधकर चालक को भी किसी सुनसान जगह पर फेंक देते थे. फिर आरोपी विक्रम उसी रात अशरफ और रमेश को सौंपने के लिए कार को जम्मू ले जाता था. दोनों आरोपी कार को बाद में अहमदाबाद, गुजरात में इलियास को बेचता था. जानकारी के अनुसार अशरफ और रमेश विक्रम को अवैध हथियार भी देते थे, जिनका इस्तेमाल वो गाड़ी लूटने के दौरान जरूरत पड़ने पर करते थे.

ये भी पढ़ें: Ghaziabad Murder Case : पुलिस ने हत्या मामले में तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

विक्रम को अशरफ एडवांस में देता था कार के पैसे: गिरोह के बदमाश ऑन डिमांड कार लूटते थे. अशरफ उन्हें जितनी गाड़ियों को लूटने का ऑर्डर देता था, यह लोग उतनी गाड़ियां लूटते थे, जिसके लिए अशरफ उन्हें एडवांस में रुपए देता था. अशरफ से विक्रम एक फॉर्च्यूनर के तीन लाख रुपए लेता था. इन गाड़ियों को आगे 5 से 6 लाख रुपए में बेचता था. जो गाड़ी पूरी नहीं बिकती थी उसे काटकर उनके पार्ट्स भी बेचे जाते थे. फिलहाल पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है.

ये भी पढ़ें: Delhi Blackmail Case: इंस्टाग्राम पर लड़कियों को ब्लैकमेल करने वाला युवक पंजाब से गिरफ्तार

फॉर्च्यूनर कार जैकिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के द्वारका जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम ने 6 ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो केवल फार्च्यूनर गाड़ी ही लूटते थे. पुलिस ने इनसे गाड़ी लेने वाले दो रिसीवर को भी जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों से चार फार्च्यूनर गाड़ी और 32 बोर की 2 पिस्तौल, 4 कट्टा, 12 कारतूस और एक आई -20 कार बरामद की है.

द्वारका जिले के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि 17 मार्च को थाना द्वारका साउथ में एक फार्च्यूनर गाड़ी की जैकिंग की सूचना मिली थी. जांच कर रहे स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि आरोपी वारदात के लिए आई-20 कार का इस्तेमाल कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में तीन लाख में बेचते थे गाड़ी: सख्ती से पूछताछ में आरोपियों ने बताया को दिल्ली से लूटने के बाद ये लोग गाड़ियों को जम्मू-कश्मीर में रिसीवर अशरफ और रमेश को तीन लाख रुपए में बेच देते थे. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने अशरफ और रमेश को भी गिरफ्तार कर लिया है. आगे पूछताछ में पता चला कि गिरोह का संचालन विक्रम, विक्की, अर्जुन और रोहित के साथ करता था जो दिल्ली-एनसीआर से कारों को लूटता था.

चुराना संभव नहीं था इसलिए लूटते थे गाडियां: हाई सिक्योरिटी और कई सेफ्टी फीचर के कारण फॉर्च्यूनर गाड़ी चुराना संभव नहीं था, इसलिए गिरोह के बदमाश इन गाड़ियों को लूटते थे. ये लोग रास्ते में फॉर्च्यूनर चालकों से किसी बहाने लिफ्ट मांगते थे. फिर मौका देखकर रास्ते में ही गाड़ी के चालक को बंधक बना लेते थे. चालक का मोबाइल छीनकर फेंक देते थे. इसके बाद हाथ पैर बांधकर चालक को भी किसी सुनसान जगह पर फेंक देते थे. फिर आरोपी विक्रम उसी रात अशरफ और रमेश को सौंपने के लिए कार को जम्मू ले जाता था. दोनों आरोपी कार को बाद में अहमदाबाद, गुजरात में इलियास को बेचता था. जानकारी के अनुसार अशरफ और रमेश विक्रम को अवैध हथियार भी देते थे, जिनका इस्तेमाल वो गाड़ी लूटने के दौरान जरूरत पड़ने पर करते थे.

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विक्रम को अशरफ एडवांस में देता था कार के पैसे: गिरोह के बदमाश ऑन डिमांड कार लूटते थे. अशरफ उन्हें जितनी गाड़ियों को लूटने का ऑर्डर देता था, यह लोग उतनी गाड़ियां लूटते थे, जिसके लिए अशरफ उन्हें एडवांस में रुपए देता था. अशरफ से विक्रम एक फॉर्च्यूनर के तीन लाख रुपए लेता था. इन गाड़ियों को आगे 5 से 6 लाख रुपए में बेचता था. जो गाड़ी पूरी नहीं बिकती थी उसे काटकर उनके पार्ट्स भी बेचे जाते थे. फिलहाल पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है.

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