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Delhi Liquor Scam: सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के खिलाफ लुक आउट नोटिस वापस लेने के निर्देश

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी रहने पर सीबीआई को फटकार लगाई है. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि आरोपी को माफ कर दिए जाने के बाद भी एलओसी कैसे जारी रह सकता है. सीबीआई से लुक आउट नोटिस वापस लेने के लिए कहा गया है.

सीबीआई को लुक आउट सर्कुलर रद्द करने पर जवाब मांगा
सीबीआई को लुक आउट सर्कुलर रद्द करने पर जवाब मांगा
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Published : Jun 6, 2023, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के मामले में सुनवाई की. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि जब कोई व्यक्ति आरोपी नहीं है, तो उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) कैसे जारी रखा जा सकता है.

अरोड़ा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह सवाल पूछा, जिसमें उनके खिलाफ जारी एलओसी को वापस लेने की मांग की गई थी. दिनेश अब सीबीआई का गवाह बन गया है. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की खिंचाई की और पूछा कि एलओसी को किस प्रावधान के तहत जारी रखा जा सकता है? बेहतर होगा कि आप इसे वापस ले लें.

आठ जून तक के लिए कार्रवाई स्थगित: सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने प्रस्तुत किया कि दिनेश अरोड़ा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एलओसी जारी है. कोर्ट ने पूछा कि आप (सीबीआई) कब तक एलओसी जारी रखेंगे?. बहरहाल, अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी और वकील आर के ठाकुर से एलओसी जारी करने और वापस लेने के लिए दिशा-निर्देश प्रस्तुत करने को कहा है. संयुक्त अनुरोध पर मामले को आठ जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

वकील आरके ठाकुर द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि दिनेश अरोड़ा को अपनी पत्नी और छोटे बेटे के साथ 15 जून को नीदरलैंड जाना है. उनका बड़ा बेटा वहीं पढ़ता था. नवंबर 2022 में अदालत ने मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को कथित आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. व्यवसायी अरोड़ा जो पहले इस मामले में एक अभियुक्त था. उसने प्रस्तुत किया था कि वह मामले के बारे में स्वेच्छा से सही खुलासा करने को तैयार हैं और मामले में गवाह बनना चाहते हैं.

दिनेश अरोड़ा को मिली थी अग्रिम जमानत: कुछ दिन पहले कोर्ट ने सीबीआई द्वारा मामले में जमानत याचिका का विरोध नहीं करने पर दिनेश अरोड़ा को अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा कि सीबीआई ने अग्रिम जमानत याचिका के खिलाफ अपने जवाब में कहा कि आवेदक ने जांच का समर्थन किया है और कुछ तथ्यों का खुलासा किया है, जो जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसलिए अगर इस अदालत द्वारा आवेदक को अग्रिम जमानत दी जाती है तो सीबीआई को कोई आपत्ति नहीं है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने सांसद बृजभूषण सिंह सहित 14 लोगों के बयान दर्ज किए

आठ व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी: उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में सीबीआई ने आबकारी घोटाला मामले में अभियुक्त के रूप में नामित आठ निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. आरोपियों में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं. अन्य आरोपितों में मनोज राय, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी, ब्रिंडको सेल्स के निदेशक अमनदीप ढल, इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू, बडी रिटेल और इसके निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर, इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता सनी मारवाह और अर्जुन पांडे शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: Central Ordinance: अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए अखिलेश यादव से मिलेंगे CM केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के मामले में सुनवाई की. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि जब कोई व्यक्ति आरोपी नहीं है, तो उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) कैसे जारी रखा जा सकता है.

अरोड़ा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह सवाल पूछा, जिसमें उनके खिलाफ जारी एलओसी को वापस लेने की मांग की गई थी. दिनेश अब सीबीआई का गवाह बन गया है. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की खिंचाई की और पूछा कि एलओसी को किस प्रावधान के तहत जारी रखा जा सकता है? बेहतर होगा कि आप इसे वापस ले लें.

आठ जून तक के लिए कार्रवाई स्थगित: सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने प्रस्तुत किया कि दिनेश अरोड़ा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एलओसी जारी है. कोर्ट ने पूछा कि आप (सीबीआई) कब तक एलओसी जारी रखेंगे?. बहरहाल, अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी और वकील आर के ठाकुर से एलओसी जारी करने और वापस लेने के लिए दिशा-निर्देश प्रस्तुत करने को कहा है. संयुक्त अनुरोध पर मामले को आठ जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

वकील आरके ठाकुर द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि दिनेश अरोड़ा को अपनी पत्नी और छोटे बेटे के साथ 15 जून को नीदरलैंड जाना है. उनका बड़ा बेटा वहीं पढ़ता था. नवंबर 2022 में अदालत ने मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को कथित आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. व्यवसायी अरोड़ा जो पहले इस मामले में एक अभियुक्त था. उसने प्रस्तुत किया था कि वह मामले के बारे में स्वेच्छा से सही खुलासा करने को तैयार हैं और मामले में गवाह बनना चाहते हैं.

दिनेश अरोड़ा को मिली थी अग्रिम जमानत: कुछ दिन पहले कोर्ट ने सीबीआई द्वारा मामले में जमानत याचिका का विरोध नहीं करने पर दिनेश अरोड़ा को अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा कि सीबीआई ने अग्रिम जमानत याचिका के खिलाफ अपने जवाब में कहा कि आवेदक ने जांच का समर्थन किया है और कुछ तथ्यों का खुलासा किया है, जो जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसलिए अगर इस अदालत द्वारा आवेदक को अग्रिम जमानत दी जाती है तो सीबीआई को कोई आपत्ति नहीं है.

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आठ व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी: उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में सीबीआई ने आबकारी घोटाला मामले में अभियुक्त के रूप में नामित आठ निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. आरोपियों में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं. अन्य आरोपितों में मनोज राय, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी, ब्रिंडको सेल्स के निदेशक अमनदीप ढल, इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू, बडी रिटेल और इसके निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर, इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता सनी मारवाह और अर्जुन पांडे शामिल हैं.

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