नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के एक स्कूल में सफाईकर्मी द्वारा कथित तौर पर तीन साल की बच्ची के साथ किए गए यौन उत्पीड़न मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने मामले में शिक्षा विभाग के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की खंडपीठ ने दो सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद द्वारा एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट को न्यायालय के समक्ष लाने के बाद यह संज्ञान लिया गया है. मामले की अगली सुनवाई अब एक सितंबर को होगी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील संतोष त्रिपाठी को निर्देश दिया कि स्थिति रिपोर्ट दाखिल करते समय बालिका के नाम के साथ-साथ बालिका के माता-पिता के नाम को भी छिपाएंगे. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की पहचान और निजता के अधिकार की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने आदेश में आगे कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि मीडिया यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो अधिनियम), 2012 की धारा 23 में निहित वैधानिक प्रावधानों के अनुपालन में कार्य करें.
यह था मामला: 3 अगस्त को हौज खास थाना पुलिस को 33 वर्षीय आरोपी अर्जुन कुमार द्वारा छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने की शिकायत मिली. आरोप था कि स्कूल में तैनात सफाई कर्मी अर्जुन कुमार करीब एक हफ्ते से बच्ची के साथ लगातार दरिंदगी कर रहा था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी अर्जुन को शिवम एनक्लेव ओल्ड गौतम बुद्ध नगर निवासी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और 377 के साथ-साथ यौन उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत मुकदमा दर्ज किया. फिलहाल आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.