नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में फर्जी डिग्री रखने के आरोपों के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष पद छोड़ने वाले अंकिव बसोया को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने वाले का पता लगाने का निर्देश दिया है. जस्टिस सुरेश कैत ने बसोया को निर्देश दिया कि वे उस शख्स से संपर्क करने के लिए जानकारी मुहैया कराएं जिसने उन्हें फर्जी डिग्री और मार्कशीट उपलब्ध कराया था. बसोया पर दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए फर्जी डिग्री जमा करने के मामले में कार्रवाई चल रही है.
बसोया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
दरअसल ट्रायल कोर्ट ने बसोया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है जिसके खिलाफ बसोया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बसोया की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें ये निर्देश दिया.
पुलिस ने बसोया की याचिका का किया विरोध
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बसोया की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने वाले का पता इत्यादि नहीं दे रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बसोया के खिलाफ फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था.
ऐसे हुआ था फर्जी डिग्री का खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 2018 के छात्र संघ चुनाव के लिए एनएसयूआई के उम्मीदवार सन्नी छिल्लर ने बसोया के चुनाव को चुनौती देते हुए कहा था कि उनकी डिग्री फर्जी है. जांच के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के बुद्धिस्ट स्टडीज ने जांच में पाया था कि अंकित बसोया की डिग्री फर्जी है. उसके बाद अंकिव बसोया ने छात्र संघ अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बसोया पर आरोप है कि उन्होंने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से डिग्री का फर्जी दस्तावेज लगाया था.