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Corona in Delhi: कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली सरकार का लोकनायक अस्पताल पूरी तरह तैयार: डॉ. सुरेश कुमार

दिल्ली में इस समय कोरोना के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, लेकिन इसको लेकर लोकनायक अस्पताल पूरी तरह तैयार है. यह कहना है अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार का. इसके साथ उन्होंने कोरोना को लेकर की गई तैयारियों के बारे में और भी जानकारी दी. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.

Loknayak Hospital is ready to deal with Corona
Loknayak Hospital is ready to deal with Corona
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Published : Apr 11, 2023, 5:42 PM IST

डॉ. सुरेश कुमार

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयारियां कर ली गई हैं. इस बारे में लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारियां की गई हैं. उन्होंने बताया कि हमने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए दो वार्ड में 450 बेड आरक्षित किया है. इनमें से 50 आईसीयू बेड हैं. साथ ही कुछ सेमी आईसीयू बेड भी हैं और सभी पर ऑक्सीजन की सेंट्रल पाइप लाइन द्वारा आपूर्ति की जाती है.

उन्होंने बताया कि कोरोना की तैयारियों को लेकर मंगलवार को हमने अस्पताल में मॉक ड्रिल भी किया. इस दौरान हमने यह देखा कि हम इमरजेंसी में आने वाले मरीज को कितनी जल्दी अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं. इसलिए सारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज को अस्पताल में भर्ती करने का अभ्यास किया गया. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आईसीएमआर और मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की जो भी गाइडलाइन है, उनको हमने सभी विभागों में सर्कुलेट किया हुआ है. इमरजेंसी में आने वाले मरीज की स्थिति के अनुसार अगर मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत होती है तो आईसीयू में और जनरल वार्ड में भर्ती करने की जरूरत होती तो जनरल वार्ड में भर्ती किया जाता है. फिर आवश्यकता अनुसार मरीज के ब्लड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि जांच की जाती है. अधिकतर मरीज अस्पताल से ठीक होकर जा रहे हैं. केवल उन्हीं मरीजों को वेंटिलेटर पर भर्ती करने की जरूरत पड़ती है, जिन्हें पहले से जैसे टीबी या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है.

उन्होंने आगे बताया कि, अभी हमारे पास कोरोना के 11 ही मरीज भर्ती हैं, इसलिए ज्यादा स्टाफ को इनके इलाज में लगाने की आवश्यकता नहीं पढ़ रही है. हां दिल्ली में संक्रमण का रेट जरूर ज्यादा है, लेकिन अभी बहुत ही कम मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार और स्टाफ को ड्यूटी में लगाया जाएगा. वहीं अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को लेकर उन्होंने बताया कि, अस्पताल में पांच ऑक्सीजन प्लांट हैं. इस समय पांचों प्लांट चल रहे हैं. अस्पताल की क्षमता प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की है, जबकि पहले ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता पांच मीट्रिक टन थी. इसके अलावा हमारे पास दो लिक्विड ऑक्सीजन के स्टोरेज टैंक भी है और हमारी ऑक्सीजन सप्लाई चेन भी सुदृढ़ है. हमने ऑक्सीजन सिलिंडर भी तैयार रखे हैं और अगर जरूरत पड़ेगी तो हम उनका भी इस्तेमाल करेंगे.

यह भी पढ़ें-आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर जताई चिंता, कोरोनिल खाने की दी सलाह

डॉ सुरेश कुमार ने कहा, जितने मरीज पहली और दूसरी लहर में अस्पताल में भर्ती हो रहे थे उतने मरीजों को अब अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना मौजूदा एक्सबीबी वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके लक्षण हल्के हैं. इसके मरीजों का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत है. मार्च महीने और अप्रैल के पहले सप्ताह में की गई सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में अधिकतर सैंपल में एक्सबीबी वेरिएंट ही पाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक अस्पताल के भी तीन-चार स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

यह भी पढ़ें-10 Employees Corona Infected: दिल्ली एम्स में 10 कर्मचारी कोरोना संक्रमित, मास्क पहनना जरूरी

डॉ. सुरेश कुमार

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयारियां कर ली गई हैं. इस बारे में लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारियां की गई हैं. उन्होंने बताया कि हमने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए दो वार्ड में 450 बेड आरक्षित किया है. इनमें से 50 आईसीयू बेड हैं. साथ ही कुछ सेमी आईसीयू बेड भी हैं और सभी पर ऑक्सीजन की सेंट्रल पाइप लाइन द्वारा आपूर्ति की जाती है.

उन्होंने बताया कि कोरोना की तैयारियों को लेकर मंगलवार को हमने अस्पताल में मॉक ड्रिल भी किया. इस दौरान हमने यह देखा कि हम इमरजेंसी में आने वाले मरीज को कितनी जल्दी अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं. इसलिए सारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीज को अस्पताल में भर्ती करने का अभ्यास किया गया. डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आईसीएमआर और मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की जो भी गाइडलाइन है, उनको हमने सभी विभागों में सर्कुलेट किया हुआ है. इमरजेंसी में आने वाले मरीज की स्थिति के अनुसार अगर मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत होती है तो आईसीयू में और जनरल वार्ड में भर्ती करने की जरूरत होती तो जनरल वार्ड में भर्ती किया जाता है. फिर आवश्यकता अनुसार मरीज के ब्लड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि जांच की जाती है. अधिकतर मरीज अस्पताल से ठीक होकर जा रहे हैं. केवल उन्हीं मरीजों को वेंटिलेटर पर भर्ती करने की जरूरत पड़ती है, जिन्हें पहले से जैसे टीबी या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है.

उन्होंने आगे बताया कि, अभी हमारे पास कोरोना के 11 ही मरीज भर्ती हैं, इसलिए ज्यादा स्टाफ को इनके इलाज में लगाने की आवश्यकता नहीं पढ़ रही है. हां दिल्ली में संक्रमण का रेट जरूर ज्यादा है, लेकिन अभी बहुत ही कम मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार और स्टाफ को ड्यूटी में लगाया जाएगा. वहीं अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को लेकर उन्होंने बताया कि, अस्पताल में पांच ऑक्सीजन प्लांट हैं. इस समय पांचों प्लांट चल रहे हैं. अस्पताल की क्षमता प्रतिदिन 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की है, जबकि पहले ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता पांच मीट्रिक टन थी. इसके अलावा हमारे पास दो लिक्विड ऑक्सीजन के स्टोरेज टैंक भी है और हमारी ऑक्सीजन सप्लाई चेन भी सुदृढ़ है. हमने ऑक्सीजन सिलिंडर भी तैयार रखे हैं और अगर जरूरत पड़ेगी तो हम उनका भी इस्तेमाल करेंगे.

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डॉ सुरेश कुमार ने कहा, जितने मरीज पहली और दूसरी लहर में अस्पताल में भर्ती हो रहे थे उतने मरीजों को अब अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना मौजूदा एक्सबीबी वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके लक्षण हल्के हैं. इसके मरीजों का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत है. मार्च महीने और अप्रैल के पहले सप्ताह में की गई सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में अधिकतर सैंपल में एक्सबीबी वेरिएंट ही पाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक अस्पताल के भी तीन-चार स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

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