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पत्रकार सौम्या हत्या मामले में सजा की अवधि पर फैसला टला, 24 नवंबर को अगली सुनवाई

दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में पांच दोषियों की सजा पर सुनवाई टल गई है. 24 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. Soumya Murder Case, Soumya Viswanathan murder case

पत्रकार सौम्या हत्याकांड केस
पत्रकार सौम्या हत्याकांड केस
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 7, 2023, 3:39 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 4:28 PM IST

नई दिल्ली: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मामले में दोषी ठहराए गए पांचों आरोपितों की सजा पर मंगलवार को एक बार फिर बहस टल गई. अब मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी. बताया जा रहा है कि मामले में DLSA की रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं हो पाने की वजह से सुनवाई टली है. आरोपियों की तरफ से हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया गया है.

साकेत कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव से दोषियों की संपत्ति को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले भी 26 अक्टूबर को दोषियों के वकील द्वारा हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के चलते सजा पर बहस टल गई थी.

कोर्ट ने 18 अक्टूबर को ठहराया था दोषी: 18 अक्टूबर को एडिशनल सेशन जज रविंद्र कुमार पांडे ने चार आरोपितों को हत्या और एक आरोपित को चुराई गई वस्तु को बेईमानी से हासिल करने का दोषी पाया था. कोर्ट में अब इस बात पर बहस होनी है कि जिन-जिन धाराओं के तहत इन्हें दोषी ठहराया गया है उनमें अधिक से अधिक कितनी और कम से कम कितनी सजा होनी चाहिए. उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति क्या है. उनका आचरण और पृष्ठभूमि कैसी रही है. वहीं, कोर्ट इस मामले में पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा भी तय कर सकता है.

2008 में हुई थी हत्याः पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 की सुबह लगभग 3:30 बजे उनकी कार में काम से घर लौटते समय गोली मार का हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या के पीछे डकैती का मकसद था, लेकिन पांच आरोपितों रवि कपूर, अमित शुक्ला बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय शेट्टी को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह मार्च 2009 से हिरासत में है. पुलिस ने उसके खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था.

ये भी पढ़ें: Soumya Viswanathan murder case: सौम्या की मां ने कहा- हत्यारों को मिले उम्र कैद की सजा

वहीं, बलजीत और दो अन्य रवि कपूर व और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आईटी एग्जीक्यूटिव जिगीषा घोष की हत्या में दोषी ठहराया गया था. पुलिस ने बताया था कि जिगिषा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बारामदगी से ही विश्वनाथन की हत्या के मामले का पर्दाफाश हुआ था. कोर्ट ने 2017 में घोष हत्या मामले में कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारवास की सजा सुनाई थी. हालांकि, अगले वर्ष हाईकोर्ट ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. जबकि बलजीत मलिक की आजीवन करवावास की सजा को बरकरार रखा था.

ये भी पढ़ें: Soumya Vishwanathan Murder Case: साकेत कोर्ट ने आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा मांगा, सुनवाई टली

नई दिल्ली: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मामले में दोषी ठहराए गए पांचों आरोपितों की सजा पर मंगलवार को एक बार फिर बहस टल गई. अब मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी. बताया जा रहा है कि मामले में DLSA की रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं हो पाने की वजह से सुनवाई टली है. आरोपियों की तरफ से हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया गया है.

साकेत कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव से दोषियों की संपत्ति को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले भी 26 अक्टूबर को दोषियों के वकील द्वारा हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के चलते सजा पर बहस टल गई थी.

कोर्ट ने 18 अक्टूबर को ठहराया था दोषी: 18 अक्टूबर को एडिशनल सेशन जज रविंद्र कुमार पांडे ने चार आरोपितों को हत्या और एक आरोपित को चुराई गई वस्तु को बेईमानी से हासिल करने का दोषी पाया था. कोर्ट में अब इस बात पर बहस होनी है कि जिन-जिन धाराओं के तहत इन्हें दोषी ठहराया गया है उनमें अधिक से अधिक कितनी और कम से कम कितनी सजा होनी चाहिए. उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति क्या है. उनका आचरण और पृष्ठभूमि कैसी रही है. वहीं, कोर्ट इस मामले में पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा भी तय कर सकता है.

2008 में हुई थी हत्याः पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 की सुबह लगभग 3:30 बजे उनकी कार में काम से घर लौटते समय गोली मार का हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या के पीछे डकैती का मकसद था, लेकिन पांच आरोपितों रवि कपूर, अमित शुक्ला बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय शेट्टी को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह मार्च 2009 से हिरासत में है. पुलिस ने उसके खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था.

ये भी पढ़ें: Soumya Viswanathan murder case: सौम्या की मां ने कहा- हत्यारों को मिले उम्र कैद की सजा

वहीं, बलजीत और दो अन्य रवि कपूर व और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आईटी एग्जीक्यूटिव जिगीषा घोष की हत्या में दोषी ठहराया गया था. पुलिस ने बताया था कि जिगिषा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बारामदगी से ही विश्वनाथन की हत्या के मामले का पर्दाफाश हुआ था. कोर्ट ने 2017 में घोष हत्या मामले में कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारवास की सजा सुनाई थी. हालांकि, अगले वर्ष हाईकोर्ट ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. जबकि बलजीत मलिक की आजीवन करवावास की सजा को बरकरार रखा था.

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Last Updated : Nov 7, 2023, 4:28 PM IST
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