नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते साइबर क्राइम की वजह से जहां एक तरफ लोगों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, वहीं कई महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे भी इसका शिकार हो जाते हैं. पुलिस के लिए भी साइबर क्राइम को रोकना काफी मुश्किल साबित हो रहा है. इससे लोगों को जागरूक करने के लिए दिल्ली पुलिस समय-समय पर अलग-अलग इलाकों में अभियान चलाती है. इसी कड़ी में साइबर जागरूकता दिवस के मौके पर दिल्ली के साउथ वेस्ट जिले के अलग-अलग जगहों पर पुलिस साइबर अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित कर छात्र-छात्राओं और लोगों को इससे सुरक्षा और बचाव के उपायों के बारे में अवगत कराया गया.
साउथ वेस्ट जिले के साइबर थाने के एसआई सुमित कुमार, हेड कॉन्स्टेबल दशरथ और पुनीत की टीम ने नेताजी नगर के वुमन टेक्निकल इंस्टिट्यूट, सफदरजंग एन्क्लेव के सर्वोदय को-एडुकेशन स्कूल, भीकाजी कामा प्लेस मेट्रो स्टेशन और सरोजनी नगर मार्केट में पहुंचकर छात्र-छात्राओं के बीच आयोजित कार्यक्रम में उन्हें साइबर क्राइम के तरीकों और उससे बचने के उपायों को बता कर उन्हें जागरूक बनाया. जिसमें उन्हें 'निकोटिन इ-वैपिंग, हालिया साइबर अपराध, सोशल मीडिया छद्म, सेक्सटॉर्शन, क्यूआर बेस्ड पेमेंट फ्रॉड, फर्जी सरकारी साइट, एंटी वायरस और मालवेयर सॉफ्टवेयर के बारे में संवेदनशील करते हुए उससे बचने की सलाह दी. साथ ही उन्हें गुड साइबर सिक्योरिटी हैबिट और प्रैक्टिस एवं साइबर सेफ्टी टिप्स बता कर उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया गया.
इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान वुमन टेक्निकल इंस्टिट्यूट में 200 स्टूडेंट और फैकल्टी की टीम को साइबर खतरे से अवगत कराया गया, वहीं 400 स्टूडेंट्स और स्टाफ को सर्वोदय को-एड स्कूल और 300 लोगों को भीकाजी कामा प्लेस, सफदरजंग एन्क्लेव क्लब और सरोजनी नगर मार्केट में इससे बचाव और सुरक्षा के टिप्स दे कर उन्हें जागरूक किया गया.
ये भी पढ़ें : सार्वजनिक शौचालय में मिला तीन साल के मासूम का शव, कुकर्म की आशंका
डीसीपी मनोज सी. ने बताया कि साइबर थाने के कर्मियों द्वारा जिले के अलग अलग जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए है. जहां काफी संख्या में स्टूडेंट्स, फैकल्टी सहित आम लोगों को पुलिस की टीम के द्वारा साइबर क्राइम को लेकर सतर्क किया गया. उनसे बचने के लिए तरीके बताए गए, क्या करना है ? क्या नहीं करना है ? इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
क्या है साइबर क्राईम :
तकनीक से भरी आज की दुनिया में ज्यादातर काम इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन होने लगे हैं. जिनमें लेन-देन, कम्युनिकेशन, खरीदारी जैसे रोजमर्रा के काम शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर लोग भुगतान को लेकर ठगी के शिकार होते हैं. जैसे- क्यूआर कोड, पेमेंट रिसीव करने का लिंक भेज कर पेमेंट एक्सेप्ट करने का झांसा, कार्ड अपग्रेड आदि के लिए ओटीपी-सीवीवी की जानकारी लेकर ठगी को अंजाम देते हैं. इसके अलावा नौकरी का झांसा, सोशल साइट पर फेक प्रोफाइल बना कर खुद को हाई प्रोफाइल और विदेश के सैटल होने का झांसा देकर, सॉफ्टवेयर अपग्रेड, मालवेयर फिक्स आदि के नाम पर भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं.